बिहार : मझौलिया सुगर इन्डस्ट्रीज प्रबंधन को मूल्य भुगतान अविलंब करने का निर्देश - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 27 अगस्त 2020

बिहार : मझौलिया सुगर इन्डस्ट्रीज प्रबंधन को मूल्य भुगतान अविलंब करने का निर्देश

मझौलिया प्रखंड के महोदिपुर पंचायत में अभी तक मुख्यमंत्री जी के द्वारा बाढ़ राहत के लिए 6000 रू की घोषणा तो हो गई परंतु अभी तक किसी ग्रामीण को ये सहायता राशि प्राप्त नहीं हुई।क्या कारण है कि ये राशि रुकी हुई है या सिर्फ घोषणा ही हुई है और योजनाओ की तरह?
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बेतिया। पश्चिम चम्पारण के जिलाकारी कुंदन कुमार ने मझौलिया सुगर इन्डस्ट्रीज प्रबंधन को शत-प्रतिशत ईंख मूल्य भुगतान अविलंब करने का निर्देश दिया है।ईंख मूल्य भुगतान करने में देरी होने पर की जाएगी नीलाम पत्र वाद की कार्रवाई। मझौलिया सुगर इन्डस्ट्रीज प्रबंधन द्वारा वितीय वर्ष 2019-20 में गन्ना किसानों को बकाया राशि भुगतान में देरी करने पर जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार द्वारा अत्यंत गंभीरता से लिया गया है। जिलाधिकारी द्वारा सुगर इंडस्ट्रीज प्रबंधन को सख्त हिदायत दी गयी है कि पेराई सत्र 2019-20 का बकाया ईंख मूल्य शत-प्रतिशत भुगतान अविलंब किया जाय अन्यथा बाध्य होकर मिल प्रबंधन के विरुद्ध नीलाम पत्र की कार्रवाई की जाएगी।


ज्ञातव्य हो कि उक्त चीनी मिल प्रबंधन द्वारा पेराई सत्र 2019-20 में 55.93 लाख क्विंटल गन्ना का खरीद किसानों से किया गया है, जिसका कुल देय राशि 16810.09 लाख रुपये होता है। दिनांक 22.08.2020 तक मिल प्रबंधन द्वारा 9365.78 लाख रुपये का भुगतान गन्ना किसानों को कर दिया गया है। शेष 7444.31 रुपये की राशि बकाया है। बकाया राशि भुगतान को लेकर संबंधित गन्ना किसानों द्वारा बारम्बार  अनुरोध किया जा रहा है। इसी परिप्रेक्ष्य में जिलाधिकारी द्वारा मिल प्रबंधन को अविलंब बकाया ईंख मूल्य का भुगतान गन्ना किसानों को करने का सख्त निदेश दिया गया है। जिलाधिकारी ने मिल प्रबंधन से कहा है कि कोरोना महामारी के कारण गन्ना मूल्य भुगतान नहीं होने के कारण गन्ना किसानों की आर्थिक स्थिति अत्यंत ही खराब हो गयी है। बिहार ईंख (आपूर्ति एवं खरीद का विनियमन) अधिनियम, 1981 की धारा-43(2)(ii) में स्पष्ट प्रावधान है कि गन्ना आपूर्ति के 14 दिनों के अंदर विहित रीति से किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान कर देना है, अन्यथा विलंबित अवधि में अधिनियम की धारा-51 में विनिद्रिष्ट दर से सूद सहित भुगतान करना है। उल्लंघन की स्थिति में अधिनियम की धारा-52 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। साथ ही बकाया राशि लोक मांग एवं भू-राजस्व के रूप में वसूलनीय है। वहीं  जिलाधिकारी महोदय का ध्यान  जोगापट्टी प्रखंड के मठिया रसुलपुर गाँव अंतर्गत चंवर की ओर आकृष्ट किया गया गया है,जहाँ जल निकासी के अभाव में सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो रहा है। गौर तलब है कि इस चंवर का जलनिकासी चमैनिया नदी (बरसाती नदी) के द्वारा होता है परन्तु कतिपय लोगों के द्वारा अतिक्रमण एवं नदी में मिट्टी भर जाने के कारण जलनिकासी बाधित है और लगभग सैकड़ों एकड़ फसल हर साल बर्बाद हो रहा है और यहां के किसान इसके चलते भुखमरी के कगार पर है। कृपया इस ओर भी ध्यान देने की कृपा प्रदान की जाए।    

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