दरभंगा : ऑल इंडिया सेव एडुकेशन कमिटी का प्रतिवाद दर्ज - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 18 अगस्त 2020

दरभंगा : ऑल इंडिया सेव एडुकेशन कमिटी का प्रतिवाद दर्ज

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दरभंगा (आर्यावर्त संवाददाता) 18 अगस्त। ऑल इंडिया सेव एडुकेशन कमिटी के द्वारा आहूत ऑफलाइन अखिल भारतीय प्रतिवाद दिवस के अवसर पर सेव एजुकेशन कमिटी दरभंगा चैप्टर द्वारा समाहरणालय पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ऑफलाइन प्रतिवाद दर्ज किया गया। साथ ही अपने मांगों के समर्थन में मेल के माध्यम से द्वारा जिलाधिकारी  राष्ट्रपति के नाम स्मार पत्र दिया गया। इस अवसर पर लहेरियासराय टावर से जिला मुख्यालय तक प्रतिवाद मार्च निकाला गया। जो समाहरणालय पहुंचकर सभा में तब्दील हो गया।सभा की अध्यक्षता मुजाहिद आज़म ने की।सभा को सम्बोधित करते हुए दरभंगा चेप्टर के सचिव लाल कुमार ने कहा कि आजादी आंदोलन के जमाने में जनवादी, वैज्ञानिक एवं धर्मनिरपेक्ष शिक्षा पद्धति लागू करने की माँग जोर-शोर से उठी थी। आजादी के 73 वर्षों बाद भी महापुरुषों का वह सपना न केवल अधूरा है बल्कि उसे पैरों तले रौंदने का काम किया जा रहा है। कोरोना महामारी के बीच बिना पर्याप्त चर्चा-बहस के आनन-फानन में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को लागू कर दिया गया है। इस शिक्षा नीति के अमल में आने पर शिक्षा के निजीकरण, व्यापारीकरण एवं साम्प्रदायिक की बाढ़ आ जायेगी। 'पैसा दो, शिक्षा लो' की नीति के जरिए आम आवाम को शिक्षा से वंचित कर दिया जायेगा। इतना ही नहीं इसके जरिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC), सीनेट-सिंडीकेट जैसे जनतांत्रिक निकायों का अस्तित्व भी समाप्त हो जायेगा। स्वायत्तता (Autonomy) के नाम पर शिक्षण-संस्थानों को मनमानी फीस वसूली की छूट दी जायेगी।

इस प्रकार यह शिक्षा नीति 1974 के छात्र आंदोलन की सबसे प्रमुख माँग- 'राष्ट्रपति हो या भँगी की संतान, सबको शिक्षा एक समान' की भावना के भी खिलाफ है। सभा को सम्बोधित करते हुए सत्यम कुमार ने कहा कि जिस तरह से यह सरकार वगैर जनता की चर्चा बहस किए हुए नई शिक्षा नीति लाई है यह निश्चित तौर पर तानाशाही मानसिकता को दर्शाता है।वही दूसरी ओर कॉर्पोरेट जगत को सिर्फ मुनाफे के लिए शिक्षा को सुलभ करने की यह ब्लूप्रिंट है। ऐसे में छात्रों अभिभावकों शिक्षा प्रेमियों को या शिक्षा विरोधी नीति के खिलाफ आवाज बुलंद करने की जरूरत है।  अध्यक्षीय सम्बोधन में मुजाहिद आजम ने कहा कि शिक्षा का जो उद्देश्य मनुष्य निर्माण करना,चरित्र निर्माण करना एक आदर्श ,मूलबोध स्थापित कर उसके अंदर नीति नैतिकता से लाइस हो कर समाज के लिए आगे काम करें आज यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 उसके ऊपर की हमला है कि जिस तरह से छठी क्लास से व्यवसायिक शिक्षा अनिवार्य के रूप में दिया जाना उसके अंदर सिर्फ़ तकनीकी ज्ञान रह जाएगा। एक महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा था कि सिर्फ तकनीकी शिक्षा देकर के छात्रों को विल ट्रेंड डॉग मत बनाओ। निश्चित तौर पर यह समाज के लिए घातक साबित होगा। हम छात्रों, नौजवानों, अभिभावकों,शिक्षा प्रेमियों और बुद्धिजीवियों से अपील करेंगे आज जिस तरह से धर्मनिरपेक्ष, वैज्ञानिक और जनवादी शिक्षा पर हमला है। उसके खिलाफ में आंदोलन में सक्रिय भाग ले,ताकि सरकार की शिक्षा विरोधी नीति को वापस ले सके। संबोधित करने वालों में सुरेन्द्र कुमार ठाकुर,सुरेन्द्र दयाल सुमन,हरे राम राज,ललित कुमार झा,संतोष कुमार,सुधांशु सत्यम आदि ने प्रमुख थे।

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