बुजुर्गों को समय पर पेंशन दी जाए : उच्चतम न्यायालय - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 4 अगस्त 2020

बुजुर्गों को समय पर पेंशन दी जाए : उच्चतम न्यायालय

senior-citizen-pension-provided-on-time-sc
नयी दिल्ली, चार अगस्त, उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि बुजुर्ग लोगों को समय पर पेंशन दी जानी चाहिए और कोविड-19 महामारी के दौरान देशभर में वृद्धाश्रमों में रहने वाले लोगों को पीपीई, सैनिटाइजर और मास्क प्रदान किये जाएं। शीर्ष अदालत ने कहा कि बुजुर्ग लोग परेशानियों का सामना कर रहे हैं और प्रशासन को इस बात के लिए कदम उठाने चाहिए कि जहां उन्हें जरूरत हो, मदद पहुंचाई जाए। न्यायालय ने कहा कि अधिकारियों को उन्हें समय पर पेंशन का भुगतान सुनिश्चित करना चाहिए और वृद्धाश्रमों में रहने वालों को पीपीई किट दी जानी चाहिए। न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि बुजु्र्गो को समय से पेंशन का भुगतान किया जाना चाहिए। इससे पहले, कुमार ने कहा कि महामारी के दौरान बजुर्गों को समय पर पेंशन मिलना जरूरी है। उन्होंने शीर्ष अदालत से कहा कि करोड़ों बुजुर्ग अकेले रहे हैं और इस बात के लिए उचित निर्देश जारी किये जाने चाहिए कि पात्र लोगों को समय पर पेंशन मिले। केंद्र की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता वी मोहन ने पीठ से कहा कि राज्य सरकारें इस दिशा में प्रयास कर रही हैं। मोहन ने याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए जब एक सप्ताह का समय मांगा तो कुमार ने विरोध करते हुए कहा कि इस मामले में तत्काल कार्रवाई की जरूरत है। पीठ ने एक अन्य याचिका पर भी सुनवाई की जिसमें कोरोना वायरस संक्रमित बुजुर्गों का उपचार बिना भेदभाव के करने का निर्देश देने की मांग की गयी है। पीठ ने राज्यों को याचिका पर जवाब दाखिल करने का भी निर्देश दिया।

कोई टिप्पणी नहीं: