बिहार : कुर्जी कब्रिस्तान में कोरोना से मरने वाली श्वेता का दफन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 14 अगस्त 2020

बिहार : कुर्जी कब्रिस्तान में कोरोना से मरने वाली श्वेता का दफन

प्राय: ईसाई समुदाय के किसी परिजन का निधन होने पर पवित्र मिस्सा किया जाता है। चूंकि श्वेता की मृत्यु कोरोना से हो गयी थी। केवल प्रार्थना और आशीष देकर दफन कर दिया गया...
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पटना, 14 अगस्त। पूर्ण सर्तकता के साथ इंदिरा गांधी आर्युविज्ञान संस्थान की स्टाफ नर्स श्वेता रॉबर्ट को कुर्जी कब्रिस्तान में दफन कर दिया गया।  पटना के शेखपुरा में स्थित है  इंदिरा गांधी आर्युविज्ञान संस्थान। यहां की स्टाफ नर्स थीं श्वेता रॉबर्ट। अन्य बीमारियों के साथ कोरोना इलाज करवाने के दौरान स्टाफ नर्स श्वेता रॉबर्ट की मौत हो गयी। वह महज चालीस साल की थीं।तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं।फेयर फील्ड कॉलोनी,दीघा में रहती थीं। मूल रूप से बेतिया की रहने वाली श्वेता रॉबर्ट ने कुर्जी होली फैमिली हॉस्पीटल से जेनरल नर्सिंग की हैं।झारखंड के निवासी इग्नासियुस केरकेट्टा ने कुर्जी होली फैमिली हॉस्पीटल से डिप्लोमा इन मेडिकल लैबॉरेट्री ट्रेक्नोलॉजी कोर्स किये हैं। दोनों ने  कुर्जी होली फैमिली हॉस्पीटल से ट्रेनिंग करने के उपरांत इंदिरा गांधी आर्युविज्ञान संस्थान में सर्विस करना शुरू कर दिये। वहां के प्रेम बंधन ने यहां पर   वैवाहिक बंधन में बंध गये।


इस तरह स्टाफ नर्स श्वेता रॉबर्ट और लैबॉरेट्री ट्रेक्नोलॉजिस्ट इग्नासियुस केरकेट्टा प्रेम से गृहस्थी संभालने लगे।इस बीच तीन बच्चे हो गये। आदर्श परिवार फेयर फील्ड कॉलोनी दीघा में रहने लगे। जानकार लोगों का कहना है कि श्वेता रॉबर्ट कई बीमारियों से घिर गयी थीं।इस बीच कोरोना ने भी धावा बोल दिया। इंदिरा गांधी आर्युविज्ञान संस्थान में आज तड़के दम तोड़ दी। वहां पर बेहतर ढंग से पार्थिव शरीर को पैंकिंग करने के बाद शव को सैनिटाइज करके एम्बुलेंस से प्रेरितों की रानी गिरजाघर लाया गया। यहां के पुरोहित के द्वारा ऊपर से ही पार्थिव शरीर पर पवित्र जल का छिड़काव किया और इसके बाद बगल में स्थित कुर्जी कब्रिस्तान में दफन कर दिया। अंतिम क्रिया के विधि को संपन्न करवाने में सहयोग करने वाले राजू ग्राबिएल ने कहा कि कुर्जी कब्रिस्तान में प्रथम बार कोरोना से मरने वाली श्वेता का दफन हुआ।

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