‘युवा शक्ति’ और ‘ज्ञान शक्ति’ मिलकर भारत को वैश्विक शक्ति बनाएंगे : डॉ़ निशंक - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 17 सितंबर 2020

‘युवा शक्ति’ और ‘ज्ञान शक्ति’ मिलकर भारत को वैश्विक शक्ति बनाएंगे : डॉ़ निशंक

india-will-build-world-power-nishank
नयी दिल्ली, 16 सितंबर, केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ़ रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा है कि देश के युवाओं की शक्ति एवं नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रस्तावित प्रावधानों से मजबूत होने वाली शिक्षा भारत को एक वैश्विक शक्ति बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। डॉ़ निशंक ने बुधवार को यहाँ राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी), राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) तथा नेहरु युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) के समन्वयकों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा,“भारत 35 वर्ष से कम आयु की 65 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या वाला सबसे युवा देश है। हम जिस चौथी औद्योगिक क्रांति की बात करते हैं वो युवाओं पर ही निर्भर करती है। इतनी बड़ी युवा जनसंख्या और सेवा क्षेत्र में हमारा प्रभुत्व होने के कारण (जिसमें कुल सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 55 प्रतिशत हिस्सा है) ज्ञान हमारी अर्थव्यवस्था का प्रमुख कारक बन जाता है। इस ज्ञान की शक्ति को पाने के लिए ही हमने राष्ट्रीय शिक्षा नीति जैसा महायज्ञ, महाअनुसंधान आरंभ किया है। आप लोगों की ‘युवा शक्ति’ और यह ‘ज्ञान शक्ति’ जब मिल जाएंगे तब भारत को ‘वैश्विक शक्ति’ बनने से कोई रोक नहीं पायेगा।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई शिक्षा नीति 2020 के रूप में हम एक ऐसा विजन देश के समक्ष लेकर आए हैं जो एक नए, शिक्षित, सशक्त एवं आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करेगा। केंद्रीय मंत्री ने इस बैठक के माध्यम से अभिभावकों, शिक्षकों, स्कूलों, छात्रों, शिक्षाविदों, एनसीसी, एनएसएस, एनवाईकेएस जैसे सगठनों, स्यंसेवी सस्थाओं आदि का आवाहन किया और उनसे कहा कि वो इस नीति के क्रियान्वयन हेतु सुझाव दें, चर्चा करें और राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जमीनी स्तर तक पहुँचाने के लिए जागरूकता अभियान एवं शिक्षा संवाद की शुरुआत करें। डॉ़ निशंक ने हर युवक, छात्र, शिक्षक एवं संस्था को इस नीति का ब्रांड एंबेसडर बताते हुए कहा कि आज का यह शिक्षा संवाद और युवा संवाद एक राष्ट्रीय संवाद है जिसमें सबके विचार सुने और समझे जायेंगे। उन्होनें एनसीसी, एनएसएस एवं एनवाईकेएस के समन्वयकों को नई राष्ट्रीय नीति का दूत बताते हुए कहा, “चूँकि आप एक अनुशासित जीवन जीते हैं और आप लोगों की यह अनुशासित अप्रोच ही नीति एवं भारतीय शिक्षा के भविष्य का निर्धारण करेगी। मुझे पूरा विश्वास है कि आप सभी के सहयोग, समन्वय, सहभागिता और नेतृत्व से हम शिक्षा नीति का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन कर पाएंगे और आपके माध्यम से यह भारत के प्रत्येक गांव, कस्बे, शहर, जिले, राज्य और हर कोने तक पहुंचेगी. आपकी युवा एनर्जी और इन संस्थाओं की सिनर्जी से जल्द ही हम अपने लक्ष्यों को पूरा करेंगे।” डॉ़ निशंक ने एनसीसी, एनएसएस और एनवाईकेएस के समन्वयकों से कहा कि आप जिस अवस्था में अभी हैं वह जोश, उमंग, ऊर्जा, उत्साह और कुछ भी कर गुजरने की साहस एवं पराक्रम की अवस्था है। इस बैठक में गृह मंत्री राजनाथ सिंह, युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) किरेन रिजिजू, शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे , सचिव उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे, स्कूली शिक्षा और साक्षरता सचिव अनीता करवाल, युवा कार्यक्रम विभाग सचिव उषा शर्मा, यूजीसी अध्यक्ष प्रो. डी. पी.सिंह , विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, राष्ट्रीय कैडेट कोर, राष्ट्रीय सेवा योजना ,उन्नत भारत अभियान तथा नेहरु युवा केंद्र संगठन के समन्वयकों एवं अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

कोई टिप्पणी नहीं: