न्यूनतम समर्थन मूल्य व्यवस्था जारी रहेगी : तोमर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 25 सितंबर 2020

न्यूनतम समर्थन मूल्य व्यवस्था जारी रहेगी : तोमर

msp-will-continue-tomar
नयी दिल्ली, 24 सितंबर, केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि हाल ही में संसद से पारित कृषि क्षेत्र से जुड़े तीनों विधेयक किसानों के हितों के लिए हैं जो कृषकों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे। श्री तोमर ने कहा कि कृषि उत्पादों से संबंधित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) एक प्रशासकीय निर्णय था जो जारी था, है और आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में पत्रकार वार्ता में कहा कि कांग्रेस इन विधेयकों का विरोध करके देश के किसानों को गुमराह कर रही है। कांग्रेस अगर इन विधेयकों का विरोध कर रही है, तो उसे पहले अपने घोषणा पत्र से मुकरने की घोषणा करनी चाहिए क्योंकि इस पार्टी ने 2019 के अपने घोषणा पत्र में कहा था की एमएसपी निर्णय को बदलेंगे, किसानों के उत्पाद खरीद-फरोख्त पर कोई कर नहीं होगा और अंतरराज्यीय व्यापार को बढ़ावा दिया जायेगा। 



उन्हाेंने कहा कि यही बातें इन विधेयकों में हैं। श्री तोमर ने कहा कि इस विधेयक में एमएसपी क्यों नहीं है, ये बात ऐसे लोग कह रहे हैं जो देश में 50 साल सत्ता में रहे। एमएसपी के लिए कानून बनाना आवश्यक था, तो इन लोगों ने 50 साल में इसको लेकर कानून क्यों नहीं बनाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्रियों की उच्चाधिकार समिति की बैठक में कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था कि आवश्यक वस्तु अधिनियम अपने उद्देश्य को प्राप्त कर चुका है, उसे अब तत्काल समाप्त कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार समेत स्वामीनाथन समिति और राष्ट्रीय किसान आयोग सभी कृषि क्षेत्र में सुधार लाना चाहते थे। उन्होंने कहा कि नये कृषि विधेयकों से व्यापारियों और किसानों के बीच की दूरी कम होगी और किसानों के उपज की खरीद के लिए व्यापारी खुद उनके घर तक आएंगे। किसान को अपनी फसल की उपज बेचने के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं होगी और किसान को अधिकतम तीन दिनों की समय सीमा में उपज का उचित मूल्य मिलेगा।

कोई टिप्पणी नहीं: