नयी दिल्ली,01 सितम्बर, पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न प्रणब मुखर्जी का मंगलवार दोपहर पूरे राजकीय सम्मान के साथ लोधी रोड श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया। चौरासी वर्ष के श्री मुखर्जी का सोमवार शाम सैन्य अस्पताल में निधन हो गया था। उन्हें दस अगस्त को नयी दिल्ली स्थित आरएंडआर अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनका मस्तिष्क में खून का थक्का हटाने के लिए आपरेशन किया गया । पूर्व राष्ट्रपति कोरोना संक्रमित भी थे। श्री मुखर्जी के कोरोना पॉजिटिव होने से अंतिम संस्कार में वैश्विक महामारी के तहत सभी एहतियात निर्देशों का पूरा पालन किया गया। इस कारण पूर्व राष्ट्रपति के अंतिम संस्कार में कम लोग ही शामिल हुए। श्री मुखर्जी के पुत्र अभिजीत मुखर्जी ने श्मशानघाट पर गमगीन माहौल के बीच अपने पिता की चिता को मुखाग्नि दी और ऊंची ऊंची आग की लपटों के बीच प्रणब दा पंचतत्व में विलीन हो गए। इससे पहले देश के 13 वें राष्ट्रपति रहे श्री मुखर्जी के पार्थिव शरीर को सुबह अस्पताल से उनके सरकारी निवास 10, राजाजी मार्ग लाया गया। उनके सम्मान में सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद , उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष. ओम बिरला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह,भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत बड़ी संख्या में विभिन्न पार्टियों के नेताओं ने 10 राजाजी मार्ग जाकर प्रणब दा को श्रद्धांजलि दी। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन,सीडीएस बिपिन रावत, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, शशि थरूर, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी. राजा, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कई अन्य नेताओं ने भी दिवंगत राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि दी।
श्री मुखर्जी 2012 से 2017 तक देश के सर्वोच्च पर रहे। इससे पहले सक्रिय राजनीति के दौरान वह केंद्र में विदेश,वित्त और उद्योग मंत्री जैसे प्रमुख मंत्रालयों के अलावा अन्य प्रतिष्ठ पदों पर भी रहे। उन्हें 2019 में भारत रत्न और 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
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