भारत कलिंग, इटारसी में पहुँचे गो रूर्बन यात्रा के प्रतिभागी। 18 नवंबर को इटारसी के पथरोटा गांव से शुरू करेंगे बस यात्रा। यात्रा करके समझेंगे अहिंसक स्थानीय अर्थव्यवस्था...
भोपाल, कोरोना वायरस ने भारत की गति को भी थोड़े समय के लिए रोक दिया, इसका सबसे बड़ा प्रभाव अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। हम सभी ने देखा कि किस परिस्थती में सैकड़ों मजदूरों को शहर के गाँव की और पलायन करके आना पड़ा। मुट्ठी भर लोगों को हिंसक अर्थव्यवस्था से लाभ मिलता है, अगर हम चाहते हैं कि सारी मानवता का भला हो, तो हमें पूरी तरह से एक अहिंसक अर्थव्यवस्था को अपनाना होगा। यह समझने के लिए कि एक अहिंसक स्थानीय अर्थव्यवस्था क्या है और इसके उदाहरणों को देखने के लिए, गो रुर्बन यात्रा और कैंप का आयोजन किया जा रहे हैं। गो रूर्बन एकता परिषद और अंश हैप्पीनेस सोसाइटी द्वारा शुरू की गई एक पहल है जिसका उद्देश्य ग्राम और शहर की बढ़ती दूरियों को कम करना और आपसी समझ बनाना है। गो रूर्बन द्वारा इससे पहले 7 शिविरों का आयोजन किया गया है। गो रुर्बन यात्रा 18 नवंबर को इटारसी के ग्राम पथरोटा स्थित भारत कालिंग सेंटर से शुरू होगी और 8 दिनों की यात्रा पूरी करके 25 नवंबर को कटनी के ग्राम बिजौरी में मानव जीवन विकास समिति पहुंचेगी। 25 नवंबर से 28 नवंबर तक मानव जीवन विकास समिति के परिसर में एक कैंप आयोजित किया जाएगा। 18 नवम्बर को दोपहर में पथरौटा इटारसी से निकल कर यात्रा गांधी ग्राम, चेड़कर, सोहागपुर पहुंचेगी और अगले दिन वहाँ से आगे बढ़ेगी। गो रुर्बन यात्रा में कुल 18 प्रतिभागी शामिल होंगे जिन्हें एक प्रक्रिया के माध्यम से चुना गया है जिसे गो रर्बन से जुड़े साथियों द्वारा पूरा किया गया। कटनी में आयोजित होने वाले शिविर में 20 और प्रतिभागियों को जोड़ा जाएगा। मध्य प्रदेश के अलावा, भारत के 8 से अधिक राज्यों से प्रतिभागी भाग ले रहे हैं, जिनमें दिल्ली, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र और अन्य राज्य शामिल हैं। TISS से समाजिक कार्य में मास्टर्स कर रहे कैंप के प्रतिभागी आनंद जैसवाल ने कहा उनके लिए इस तरह का यह पहला अनुभव होगा और यह यात्रा अहिंसक अर्थव्यवस्था और समाज के अलग अलग विषयों पर समझ बेहतर करने में मदद करेगी। गो रुर्बन यात्रा के यात्री बस से सफ़र करेंगे| कोविड-19 से जुडी सावधानियों का ध्यान इस आयोजन में रखा जा रहा है।
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