नयी दिल्ली, 13 नवंबर, सरकार ने किसान संगठनों के साथ बैठक में शुक्रवार को मजबूती से अपना पक्ष रखा और कहा कि कृषि उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच किसानों की समस्याओं तथा कृषि सुधार कानूनों को लेकर लंबी बातचीत हुई जिसमें सरकार ने कहा कि नये कृषि कानून ने किसानों को मनमानी कीमत और अन्य स्थानों पर अपनी उपज बेचने की आज़ादी दी है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद जारी रहेगी और मंडी व्यवस्था भी कायम रहेगी। किसानों की आय बढ़ाने के लिए देश में 10 हजार किसान उत्पादक समूहों का गठन किया जा रहा है। इन्हें हर प्रकार की सहायता दी जायगी। सरकार लगातार न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि कर रही है। इसके साथ ही फसलों के क्रय केन्द्र भी बढ़ाये जा रहे हैं। बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल तथा उद्योग एवं वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश और पंजाब के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। कृषि मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार विज्ञान भवन में पूर्वाह्न क़रीब 11 बजे से शाम पांच बजे तक चली बैठक में कोई अंतिम निर्णय नहीं हो सका था। किसान संगठनों ने भी बैठक की पुष्टि की है लेकिन कोई विशेष जानकारी नहीं दी है। कुछ दिन पहले कृषि सचिव संजय अग्रवाल के साथ भी किसान संगठनों की बैठक हुई थीं लेकिन कोई निर्णय नहीं हो सका था। पंजाब के किसान संगठन कृषि सुधार कानूनों के विरोध में लंबे समय से आन्दोलन कर रहे हैं।
शुक्रवार, 13 नवंबर 2020
किसान संगठनों की सरकार के साथ लंबी बैठक, सरकार ने अपना पक्ष रखा
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