पटना. आज एनडीए की बैठक होने वाली है.उक्त बैठक में मंत्रिमंडल गठित होने की तस्वीर साफ होगी.जब बिहार विधानसभा चुनाव का वोटो की गिनती जारी थी. तब एनडीए सरकार बनाती हुई दिख रही है. जो सत्य साबित हुआ.बीजेपी को अधिक सीट मिली.इसी बीच बिहार का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इसपर चर्चा शरू हो गई . बिहार बीजेपी के एससी मोर्चा के अध्यक्ष अजित चौधरी ने कहा है कि पार्टी कार्यकर्ताओं की मांग है कि बीजेपी के सीएम बने. अजित चौधरी ने कहा कि बीजेपी गठबंधन धर्म का अब तक पालन करती आई है. इसका नतीजा है कि बीजेपी और जेडीयू की लंबे समय तक बिहार में सरकार रही है. लेकिन अब पार्टी के कार्यकर्ताओं में ये भावना है कि पार्टी का कोई नेता सीएम हो. हर पार्टी के कार्यकर्ता की ये भावना होती है. बीजेपी के कार्यकर्ताओं के मन में भी ये भावना है और एक आंकड़ा ऐसा दिख रहा है..कार्यकर्ताओं को बीजेपी में मैनडेट दिख रहा है. बीजेपी का आंकड़ा ज्यादा है. 1989 में जब राम मंदिर के लिए पहली ईंट रखी जानी थी तब पूरे भारत के हिंदू विद्वानों ने कामेश्वर चौपाल के नाम का चयन किया था। इसके पीछे मुख्य वजह ये थी दलित नेता कामेश्वर चौपाल की राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका थी। वह श्रीराम लोक संघर्ष समिति के बिहार प्रदेश के संजोयक और भाजपा के प्रदेश महामंत्री भी रह चुके हैं. कामेश्वर चौपाल ने आख़िरी बार बीजेपी के टिकट पर साल 2014 में सुपौल लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़ा, एक बड़ी वजह यह भी है कि उनके नाम की चर्चा हो रही है.
शुक्रवार, 13 नवंबर 2020
बिहार : दलित नेता कामेश्वर चौपाल को उप मुख्यमंत्री बनने की संभावना
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