पीओके के भारत में विलय से ही सीमा विवाद का समाधान संभव : राजनाथ - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 6 नवंबर 2020

पीओके के भारत में विलय से ही सीमा विवाद का समाधान संभव : राजनाथ

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नयी दिल्ली 05 नवम्बर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि जम्मू कश्मीर के मामले में मुंह की खाने के बाद बौखलाया पाकिस्तान अपने कब्जे वाले कश्मीर को पूरी तरह हड़पने की कोशिश में है लेकिन भारत का दृढ मत है कि जब तक पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का भारत के साथ एकीकरण नहीं होगा तब तक दोनों देशों के बीच सीमा विवाद का पूर्ण समाधान नहीं हो सकता। श्री सिंह ने गुरूवार को यहां एक हिन्दी दैनिक द्वारा आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम में ‘भारत की बात सीमाएं और हमारे पड़ोसी ’ विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पाकिस्तान का भारत के खिलाफ आतंकवाद का मॉडल धीरे-धीरे ध्वस्त हो रहा है, और इसकी खिसियाहट में वह सीमा पर लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहा है। भारतीय सेनाओं ने सीमा पार जाकर भी आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया है और आतंकवादियों की कमर तोड़ दी है। उन्होंने कहा कि 1965 और 1971 में पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा जिससे यह साबित हो गया कि पाकिस्तान भारत के साथ पूर्ण युद्ध करने की हालत में नहीं है। उन्होंने कहा , “ आज पाकिस्तान यह बात समझ चुका है कि कश्मीर घाटी में बहुत कुछ कर पाने की स्थिति में अब वह नहीं है खासतौर पर जब से धारा 370 को समाप्त कर दिया गया है। तब से पाकिस्तान इतना बौखलाया हुआ है, कि अब वह अपने कब्जे वाले पीओके को पूरी तरह हड़पने का प्लान बना चुका है। ” श्री सिंह ने कहा , “ भारत की संसद में पीओके को लेकर सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित है कि वह भारत का ही हिस्सा है। हम इसे कभी भूल नहीं सकते। जब तक पीओके का भारत के साथ एकीकरण नहीं होगा तब तक भारत पकिस्तान के बीच सीमा विवाद का पूर्ण समाधान नहीं होगा” उन्होंने कहा कि गिलगिट-बाल्टिस्तान और पीओके में किसी भी तरह की एकतरफा कार्रवाई करने का हक पाकिस्तान को नहीं है। सिर्फ गैर कानूनी कब्जा कर लेने से पाकिस्तान का वहां कोई अधिकार नहीं बन जाता। भारत का मानना है कि जम्मू और कश्मीर तो कभी पाकिस्तान का था ही नहीं और पीओके तथा गिलगिट-बाल्टिस्तान पर उसका गैर कानूनी कब्जा है। इसका नाजायज फायदा उठा कर वह अब गिलगिट-बाल्टिस्तान को पाकिस्तान का राज्य बनाने जा रहा है 

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