- · विहिप के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री ने कहा-अयोध्या में श्रीराम के मंदिर का निर्माण वर्षों से होते आ रहे हिंदू समाज के अपमान के परिमार्जन का अवसर है
- · प्रभू श्रीराम हमारी राष्ट्रीयता के प्रतीक हैं और भारतीय संविधान की किताब में पहला चित्र उन्हीं का
- · राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास का मध्य भारत प्रान्त में एक दिवसीय कार्यकर्ता प्रशिक्षण वर्ग सम्पन्न
- · विश्व हिन्दू परिषद एवं संघ पदाधिकारियों का मिला मार्गदर्शन
- · एक दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग में निधि संकलन एवं जनजागरण की कार्य योजना सभी को बताई गई
भोपाल । प्रभू श्रीराम हमारी राष्ट्रीयता के प्रतीक हैं और भारतीय संविधान की किताब में पहला चित्र उन्हीं का है । श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र न्यास द्वारा आरंभ किए जा रहे भगवान के भव्य मंदिर निर्माण का कार्य भारत के राष्ट्रीय स्वाभिमान के जागरण का और वर्षों से होते आ रहे हिंदू समाज के अपमान के परिमार्जन का एक पुण्य अवसर है। उक्त उद्गार शुक्रवार राजधानी के सुन्दरवन में विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के अखिल भारतीय संगठन महामंत्री एवं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के निधि समर्पण अभियान के केंद्रीय सह अभियान प्रमुख श्री विनायक राव ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की निधि समर्पण कार्य योजना के अंतर्गत प्रांत भर से एक दिवसीय प्रशिक्षण लेने आए प्रांत पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के बीच कही। वे अपने एक दिवसीय प्रवास पर भोपाल आए हुए थे। जहां उन्होंने उक्त प्रशिक्षण वर्ग में प्रांत के 168 प्रमुख पदाधिकारियों के साथ ही प्रदेश व क्षेत्र के कई अखिल भारतीय विहिप व अन्य संगठनों के जुड़े संगठनों के पदाधिकारियों की उपस्थिति में न्यास के ओर से निधि संकलन एवं जनजागरण के आयोजन संबंधी सूचनाएं एवं कार्य योजना सभी को बताई । साथ ही उन्होंने कहा कि 1528 से अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के लिए शुरू हुए आंदोलन की परिणति 2019 में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद अपनी पूर्णता तक पहुंचा, जिसके लिए पिछले 428 वर्षों में 76 लड़ाइयां और 4 लाख लोगों का बलिदान हुआ है । विहिप के अखिल भारतीय संगठन महामंत्री श्री राव ने कहा कि इतिहास गवाह है, अनेक मुस्लिम आक्रांता द्वारा तोड़े गए मंदिरों का समय-समय पर परिमार्जन और पुनर्निर्माण किया जाता रहा है, इसमें शिवाजी महाराज, बाजीराव पेशवा, अहिल्याबाई होलकर जैसे अनेक महापुरुष हैं जिन्होंने मंदिरों का पुनर्निर्माण कराया । वास्तव में इस सब के बीच बाबरी ढांचा गुलामी का चिन्ह था और श्रीराम मंदिर का निर्माण वहीं होना जहां भगवान का प्राकट्य हुआ यह हमारी धार्मिक स्वतंत्रता और सनातन हिन्दू समाज के आधारभूत सिद्धातों की सत्यता की प्रतीक है। उन्होंने कहा कि राणा सांगा के सेनापति हसन खान की मानसिकता हर भारतीय राष्ट्रवादी मुसलमान की होनी चाहिए, जिसने बाबर के उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था, जिसमें कि हसन खान को उसने भारत का आधा राज्य देने की बात कही थी इसके प्रतिउत्तर में हसन खान ने कहा था कि मैं भले ही मुसलमान हूं पर मेरी धरती यही है। तुम आक्रांता हो, इसलिए जो भी मेरी धरती पर आक्रमण करेग, उससे मैं मुकाबला करूंगा । यह मेरा देश है। हिंदुत्व का जागरण राष्ट्रीय स्वाभिमान का पुनर्जागरण है। इस दौरान श्री राव का कहना यह भी था कि प्रभू श्रीराम जन्मभूमि का विषय राष्ट्रीयता ओर अराष्ट्रीयता का है, 22 दिसंबर 1947 को दिल्ली के विरला हाउस मैं गांधीजी ने अपने भाषण में कहा की मोहम्मद गजनी द्वारा सोमनाथ मंदिर का विध्वंस एक जंगली काम था, मैं उसका समर्थन नहीं करता , हम अब स्वतंत्र हो गए हैं। मैं सरदार पटेल के सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण के विचार का समर्थन करता हूं। इन सभी बातों को ध्यान में रखकर निधि समर्पण का यह कार्यक्रम रखा गया है । 5 फरवरी 2020 को न्यास का गठन हुआ और 5 अगस्त 2020 को मंदिर का भूमि पूजन माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया, इस समय प्रधानमंत्रीजी ने यहां तक कहा था कि आज संकल्प पूर्ति का अनुभव हो रहा है, श्रीराम मंदिर का निर्माण राष्ट्रीयता का निर्माण है ।
मध्यप्रदेश राज्य की अभियान समिति की हुई घोषणा
वहीं, इस दौरान मध्यप्रदेश की अभियान समिति की घोषणा की गई । जिसमें अध्यक्षपूज्य संत अखिलेश्वरानंद जी महाराज जबलपुर, उपाध्यक्ष श्री कांतिभाई जी इंदौर, श्री पीताम्बर राजदेव भोपाल, श्री लक्ष्मण सिंह जी जबलपुर, डॉ. वाणी अहलूवालिया जबलपुर, मंत्री श्री राजेश तिवारी, सह मंत्री श्री बृजेश सिंह, श्री आलोक सिंह, श्री सोहन विश्वकर्मा, कोषाध्यक्ष श्री सुरेश जी जैन, सह कोषाध्यक्ष श्री अशोक जी अग्रवाल रहेंगे। वहीं, उन्होंने बैठक में बताया कि इस निधि समर्पण अभियान के व्यापक प्रचार के लिये फ़िल्म जगत के प्रसिद्ध निदेशक, चाणक्य सीरियल के निर्माता डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने सिनेमा अभिनेता अक्षय कुमार के साथ मिलकर अभियान के संक्षिप्त इतिहास और भूमिका के बारे में एक वृतचित्र तैयार किया है, जो अतिशीघ्र आप सभी के समक्ष उपलब्ध होगा। इस एक दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग में श्री राव के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मध्य भारत प्रांत संघचालक श्री सतीश पिम्पलीकर श्री राजेश तिवारी क्षेत्र मंत्री विहिप , श्री पीताम्बर राजदेव प्रान्त अध्यक्ष विहिप मध्यभारत मंचासीन रहे । साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र सेवा प्रमुख अशोक अग्रवाल , सह व्यवस्था प्रमुख श्री सुरेश जैन क्षेत्र, प्रान्त कार्यवाह श्री यशवंत इंदापुरकर, मध्यभारत प्रान्त प्रचारक श्री अशोक पोरवाल, प्रान्त सह प्रचारक श्री स्वप्निल कुलकर्णी, प्रान्त मंत्री विहिप श्री पप्पू वर्मा, प्रान्त संगठन मंत्री विहिप श्री खगेन्द्र भार्गव, प्रान्त अभियान प्रमुख श्री बृजेश चौहान, प्रान्त सह अभियान प्रमुख श्री ओमप्रकाश, प्रान्त निधि प्रमुख श्री सोमकान्त उमालकर एवं विभाग एवं जिलों के अभियान प्रमुख , सह प्रमुख , निधी प्रमुख उपस्थित रहे।
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