बिहार : कोरोना काल से बन्द पड़ा शैक्षणिक संस्थान को संचालित करने की गुहार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 11 दिसंबर 2020

बिहार : कोरोना काल से बन्द पड़ा शैक्षणिक संस्थान को संचालित करने की गुहार

शिक्षक और बच्चों को हो रही परेशानी।पढ़ाई हो रहा अवरुद्ध।

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अरुण कुमार ( बेगूसराय ) विगत मार्च 23 मार्च 2020 से जो सब कुछ बन्द होना शुरू हुआ वो बन्द हुआ और खुला भी,किन्तु शिक्षण संस्थान चाहे वो निजी हो या सरकारी बन्द पड़ा तो बैंड ही पड़ा हुआ है।ज्ञातव्य हो कि कोरोना काल में मार्च से बंद पड़े सभी शैक्षणिक संस्थानों को खोलने की मांग उठ रही है।दस माह से बंद पड़े शैक्षणिक संस्थान को खोलने की अनुमति देने और शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत बकाया राशि भुगतान करने समेत 11 सूत्री मांगों को लेकर बेगूसराय पब्लिक स्कूल एसोसिएशन ने समाहरणालय के समक्ष एक दिवसीय शिक्षा बचाओ सत्याग्रह किया।संघ के अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण मार्च माह में ही सभी शैक्षणिक संस्थानों को बन्द कर दिया गया है।अब कोरोना का कहर कमने के बाद अन्य काम शुरू किए जा रहे हैं।लेकिन सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल और ऑफिस को गाइडलाइन के साथ खोलने का निर्देश दिया जा रहा है, लेकिन विद्यालय खोलने की अनुमति नहीं दी जा रही है।इसलिए सभी विद्यालयों को खोलने की अनुमति दी जाए।कोरोना काल में बन्द विद्यालय को बिहार सरकार द्वारा छात्र के अनुपात में भुगतान किया जाय।कोरोना समय का बिजली बिल माफ किया जाय।विद्यालय में संचालित वाहन के ईएमआई भुगतान की तिथि बढ़ाया जाय।किराए पर चल रहे विद्यालय भवन के किराया की व्यवस्था की जाय।विद्यालय नवीकरण की तिथि बढ़ाने के साथ शिक्षा कार्यालय में प्रस्वीकृति के सभी पेंडिंग आवेदन हो स्वीकृत किया जाय।शिक्षा का अधिकार के तहत जिला के निजी विद्यालयों का 20 करोड़ सरकार पर बकाया है, जिसका अविलम्ब भुगतान किया जाय।  2020-21 की वार्षिक परीक्षा की तिथि कम से कम तीन महीने आगे बढ़ाया जाय।केंद्र और राज्य सरकार द्वारा अष्टम वर्ग तक के छात्रों के लिए ली जाने वाली सभी प्रतियोगिता परीक्षा मार्च के बाद लिया जाए और निजी विद्यालयों के लिए एक स्वतंत्र और पूर्णकालिक जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा नियुक्त किया जाय।इस सत्याग्रह के माध्यम से बड़ी संख्या में जिलेभर के विद्यालय संचालक तख्ती और बैनर के साथ शामिल हुए।

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