कोरोना के दौरान शॉर्ट फिल्मों की रही महत्वपूर्ण भूमिका : नकवी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 14 दिसंबर 2020

कोरोना के दौरान शॉर्ट फिल्मों की रही महत्वपूर्ण भूमिका : नकवी

short-films-played-an-important-role-during-corona-naqvi
नयी दिल्ली, 14 दिसंबर, केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि कोरोना जैसी महामारी के दौरान भारत में सरकार, समाज, सिनेमा और सहाफत ने साहस, संयम, सावधानी, संकल्प एवं समर्पण के साथ अपनी-अपनी जिम्मेदारी प्रभावी रूप से निभाई है और इसमें जागरूकता से भरपूर लघु फिल्मों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। श्री नकवी ने आज यहां आयोजित “अंतर्राष्ट्रीय कोरोना वायरस शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल” में कहा कि कोरोना के कहर के दौरान शॉर्ट फिल्मों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते लम्बे समय तक फिल्मों की शूटिंग स्थगित रही। इस दौरान शॉर्ट फिल्मों ने ना केवल लोगों का मनोरंजन किया ,बल्कि कोरोना की चुनौतियों को लेकर जागरूक भी किया। कोरोना के खिलाफ जागरूकता में सरकार, समाज के साथ-साथ मीडिया और फिल्म जगत का महत्वपूर्ण योगदान रहा। जिस तरह टेलीविजन पर चाहे वह समाचार चैनल हों या मनोरंजन के चैनल, सभी ने कोरोना के सम्बन्ध में समाज में जागरूकता लाने का सराहनीय कार्य किया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इतिहास इस बात का गवाह है कि जब भी देश पर संकट आया है, सरकार, समाज, मीडिया और फिल्म जगत, सबने मिल कर राष्ट्रीय हित और मानव कल्याण के लिए अपनी-अपनी जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी के साथ निभाई है।


श्री नकवी ने कहा कि आज सदियों के बाद कोरोना महामारी के रूप में दुनिया भर में जिस तरह का संकट है, ऐसी चुनौती कई पीढ़ियों ने नहीं देखी है। फिर भी एक परिपक्व समाज, सरकार, सिनेमा और मीडिया की भूमिका निभाने में हमनें कोई कमीं नहीं छोड़ी, खासकर भारत में इन वर्गों ने “संकट के समाधान” का हिस्सा बनने में अपनी-अपनी भूमिका निभाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि पिछले लगभग 10 महीनों में प्रशासन, समाज, सिनेमा और मीडिया के कामकाज, कार्यशैली और प्रतिबद्धता में सकारात्मक क्रांतिकारी परिवर्तन आया है। बदलाव और सुधार के लिए हालात पैदा नहीं किये जा सकते बल्कि खुद ही हो जाते हैं। आज समाज के हर हिस्से की कार्यशैली और जीवनशैली में बड़े बदलाव इस बात का प्रमाण हैं। भारतीय समाज भरपूर सबक-सन्देश, मायने और मनोरंजन वाली फिल्मों का दीवाना है। फिल्म और मीडिया हमारे जीवन का अटूट हिस्सा ही नहीं है बल्कि यह समाज को प्रभावित करने की ताकत भी रखते हैं। इस बात को इस संकट के दौरान लघु फिल्मों ने साबित कर दिखाया है। इस अवसर पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, फिल्म जगत की मशहूर हस्तियां, विभिन्न देशों के राजनयिक, पत्रकार, अन्य बुद्धिजीवी एवं गणमान्य उपस्थित रहे। “अंतर्राष्ट्रीय कोरोना वायरस शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल” में 108 देशों की 2800 से ज्यादा फ़िल्में शामिल हो रही हैं। यह लघु फिल्में, कोरोना से बचाव, जागरूकता, कोरोना के दौरान लोगों की जीवनशैली आदि विषयों पर आधारित हैं।

कोई टिप्पणी नहीं: