ऑनलाइन गेमिंग और फैंटेसी स्पोर्ट्स के विज्ञापनों पर सरकार की सख्ती - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 5 दिसंबर 2020

ऑनलाइन गेमिंग और फैंटेसी स्पोर्ट्स के विज्ञापनों पर सरकार की सख्ती

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नयी दिल्ली, 05 दिसम्बर, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने निजी टीवी चैनलों से ऑनलाइन गेमिंग और काल्पनिक खेलों के विज्ञापनों के संबंध में भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा है। मंत्रालय ने परामर्श जारी करते हुए कहा है कि टीवी चैनल क़ानूनी तौर पर प्रतिबंधित किसी भी गतिविधि को प्रचारित करने वाले विज्ञापनों का प्रसारण न करें। मंत्रालय ने कहा, “यह संज्ञान में आया है कि ऑनलाइन गेमिंग, काल्पनिक खेल पर बड़ी संख्या में विज्ञापन टेलीविजन पर दिखाई दे रहे हैं। इस बारे में चिंता ज़ाहिर की गयी है कि ऐसे विज्ञापन भ्रामक प्रतीत होते हैं। ऐसे विज्ञापन ग्राहकों को वित्तीय और अन्य जोखिमों के बारे में सही जानकारी नहीं देते। साथ ही केबल टीवी नियमन क़ानून 1995 और उपभोक्ता संरक्षण क़ानून 2019 के तहत आने वाले विज्ञापन कोड का अनुपालन नहीं करते।” सूचना प्रसारण मंत्रालय के साथ उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय, एएससीआई, न्यूज़ ब्रॉडकास्ट एसोसिएशन ,इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फ़ाउंडेशन ,ऑल इंडिया गेमिंग फ़ेडरेशन, फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन फ़ैंटसी स्पोर्ट्स और ऑनलाइन रमी फ़ेडरेशन के साथ हुई बैठक के बाद ये परामर्श जारी की गयी है। मंत्रालय ने कहा कि एएससीआई के दिशा-निर्देशों के अनुसार ऐसे खेलों के विज्ञापन के साथ एक अस्वीकरण आना चाहिए। जिसमें इस बात को लिखा गया हो कि इसमें वित्तीय जोखिम शामिल है और ये एक लत हो सकती है। कृपया इसको अपनी जिम्मेदारी और अपने जोखिम पर खेलें। मंत्रालय ने कहा कि इस तरह के अस्वीकरण की विज्ञापन में 20 प्रतिशत से कम जगह नहीं होनी चाहिए। साथ ही 18 साल से कम उम्र के किसी भी व्यक्ति को धन कमाने के लिए ऑनलाइन गेम खेलते हुए या यह दूसरों को इस तरह का गेम खेल सकने का सुझाव देते हुए नहीं दिखाया जाये। परामर्श के अनुसार विज्ञापनों की ओर से ऑनलाइन गेमिंग को आय के अवसर या वैकल्पिक रोजगार विकल्प के रूप में प्रस्तुत नहीं किया जाना चाहिए। एएससीआई विज्ञापन उद्योग से जुड़ी एक स्व नियामक संस्था है जिसकी स्थापना 1985 में मुंबई में हुई। केबल टीवी नियमन क़ानून 1995 के तहत विज्ञापनों के प्रसारण के संदर्भ में टीवी चैनलों के लिए एएससीआई के दिशानिर्देशों का पालन करना अनिवार्य है। 

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