राजनीति फिर से गरमा गई शराबबंदी को लेकर बिहार में - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 24 दिसंबर 2020

राजनीति फिर से गरमा गई शराबबंदी को लेकर बिहार में

ham-attack-nitish-on-alcohal-ban
पटना. हिंदुस्तान आवाम मोर्चा और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने गुरुवार को एक ट्वीट करके @NitishKumar को शराबबंदी क़ानून को सख़्ती से लागू करने के लिए बंधाई दी है.वहीं अनुरोध किया है कि वैसे गरीब जो शराबबंदी क़ानून के तहत छोटी सी गलती के लिए तीन महीने से जेल में बंद हैं उनके जमानत की व्यवस्था सुनिश्चित करवाएं.उनके परिवार के मुखिया के जेल में बंद रहने के कारण उनके बच्चे भूखें हैं.जीतन राम मांझी के द्वारा  शराबबंदी कानून को लेकर एक बयान जारी करने के बाद बिहार की राजनीति फिर से गरमा गई है.  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी शराबबंदी कानून को सफल बनाने में पुलिस माहिर हैं.हाशिए पर रहने वाले गरीबों को ही गिरफ्तार कर यशोगान करा लेती है. शराबबंदी कानून को माफिया लोग ठेंगा दिखा रहे हैं.एक दूसरे ट्वीट में पूर्व मुख्यमंत्री पलटीमार कहते हैं कि शराबबंदी क़ानून का समर्थन कर लागू कराने वाले @INCBihar और @RJDforIndia नेताओं को बताना चाहिए कि किन शराबमाफियों के कहने पर आज आप इस क़ानून का विरोध कर रहें हैं.शराबबंदी @NitishKumar जी की सरकार का सबसे बेहतर फ़ैसला है जिसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है.उन्होंने नीतीश कुमार से अनुरोध किया है कि वैसे गरीब जो शराबबंदी कानून के तहत छोटी गलती के लिए तीन महीने से जेल में बंद हैं , उनकी जमानत की व्यवस्था सुनिश्चित करवाएं. उनके परिवार के मुखिया के जेल में बंद रहने के कारण उनके बच्चे भूखे हैं.


बता दें कि बिहार में पिछले कई सालों से शराबबंदी कानून लागू है और इसके तहत सजा और जेल का प्रावधान है. मांझी की यह मांग ऐसे समय में आई है, जब बिहार में कांग्रेस के दो बड़े नेताओं ने इस कानून को खत्म करने की मांग की है. मांझी के ट्वीट पर जदयू ने सफाई दी है.जदयू नेता नीरज कुमार ने कहा कि मांझी एनडीए का हिस्सा हैं.उन्होंने जो मांग रखी है, उस पर सभी घटक के नेता विचार करेंगे.शराबबंदी कानून बिहार को बदलने वाला है. बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीविका बहनों के ही कहने पर शराबबंदी कानून लागू किया है और हमेशा बंदी कानून की वकालत करते हैं, ‘शराबबंदी का सबसे अधिक फायदा गरीब और गांवों में रहने वालों को हुआ है. यही बात विरोधियों को पसंद नहीं है. खैर, कुछ बड़ा करने पर भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए. और, हम तैयार रहते हैं.’ गौरतलब है कि 2015 के विधानसभा चुनावों में मतदाता से किए अपने वादे पर अमल करते हुए नीतीश कुमार ने दो साल पहले बिहार में शराब पीना और बेचना पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया था.उसके बाद से ही ऐसी खबरें आती रही हैं कि शराबबंदी कानून का बिहार में दुरुपयोग हो रहा है और गरीब, दलित, आदिवासी समुदाय को इस कानून की आड़ में प्रताड़ित किया जा रहा है.शराबबंदी लागू होने के बाद से अब तक दो सालों में बिहार में इस कानून के तहत लगभग सवा लाख लोग गिरफ्तार किए गए हैं. जिसमें बच्चे, बूढ़े और विधवाएं भी शामिल हैं. बता दें कि बिहार में पिछले कुछ सालों से पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है, जिसके तहत शराब पीने, रखने और बेचते पाए जाने पर सजा और जेल का प्रावधान है। लेकिन इस कानून की जमीनी हकीकत कुछ और ही है। विपक्ष समेत कई सामाजिक संगठनों का आरोप है कि पूरे बिहार में धड़ल्ले से शराब की बिक्री और इसका सेवन हो रहा है। कानून की वजह से उल्टा कीमत बहुत बढ़ गई है। हाल में आए एक सरकार सर्वे में भी बिहार में लोगों के बड़े पैमाने पर शराब पीने की बात सामने आई है। इसके पहले भी जीतनराम मांझी ने बेरोजगारी को लेकर सड़क पर उतरने की बात कह चुके हैं. मांझी ने तीन दिन पहले कहा था कि कुछ दिन और वे सीएम रहते तो वे बेरोजगारों के लिए 75 लाख तक की ठेकेदारी में आरक्षण लागू कर देते.आज तक हमारे उस प्रस्ताव को सरकार ने लागू नहीं किया.

कोई टिप्पणी नहीं: