ऑनलाइन शिक्षा को सकारात्मक लें : डाॅ. सुजाता जैन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 14 दिसंबर 2020

ऑनलाइन शिक्षा को सकारात्मक लें : डाॅ. सुजाता जैन

विद्या भारती स्कूल में  ऑनलाइन शिक्षा की समस्याओं पर वेबनार

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नई दिल्ली, 14 दिसम्बर, सूर्यनगर एज्यूकेशनल सोसायटी द्वारा संचालित विद्या भारती स्कूल में आॅनलाइन शिक्षा से जुड़ी समस्याएं और उनके आध्यात्मिक समाधान विषयक वेबनार में प्रमुख मोटिवेटर एवं आध्यात्मिक प्रशिक्षिका डाॅ. सुजाता जैन, सामायिक क्लब की संस्थापिका श्रीमती मंजुला जैन, सोसायटी के चेयरमैन श्री पीयूष जैन, पत्रकार एवं लेखक श्री ललित गर्ग, सोसायटी के महासचिव डाॅ. आलम अली एवं प्रिंसिपल डाॅ. मंजूषा जोशी ने महत्वपूर्ण विचार व्यक्त करते हुए आॅनलाइन शिक्षा से उपजे तनाव, बेचैनी, असंतुलन एवं उत्तेजना को नियंत्रित करने के लिए आध्यात्मिक प्रयोगों की आवश्यकता को व्यक्त किया। सामायिक क्लब द्वारा आयोजित इस वेबनार में विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं के अलावा अनेक विशिष्ट लोगों ने भाग लिया। वक्ताओं ने आॅनलाइन शिक्षा से उपजी समस्याओं के समाधान के लिए सामायिक के आध्यात्मिक उपक्रम को सशक्त आधार बताया। डाॅ. सुजाता जैन ने अपने प्रभावशाली वक्तव्य में आॅनलाइन शिक्षण में छात्रों की रूचि उत्पन्न करने, अध्यापक और विद्यार्थी के संबंध, अध्यापकों के मानसिक एवं शारीरिक संतुलन एवं कोरोना काल में भावनात्मक संतुलन विषयों पर विशद् विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आॅनलाइन शिक्षा को हमें सकारात्मक रूप में लेना चाहिए। किसी नई चीज को सीखना अपने आप में एक सुखद अहसास होता है, ऐसा सोचकर ही हम आॅनलाइन शिक्षा को प्रभावी बना सकते हैं। थोड़ा ध्यान, थोड़ा योग और ऐसे ही दूसरे आध्यात्मिक प्रयोग शिक्षकों एवं छात्रों के जीवन स्तर को उन्नत बना सकते हैं। इन प्रयोगों से हम आॅनलाइन पढ़ाने की प्रक्रिया को खुशनुमा बना सकते हैं। एक खुशनुमा माहौल में ही शरीर और दिमाग सर्वश्रेष्ठ तरीके से काम करता है। आपका खुशहाल अस्तित्व, आपको बोध की उच्च क्षमता और कामकाज के लिए अधिक सक्षम बनाता है। डाॅ. सुजाता जैन ने कहा कि आॅनलाइन शिक्षा के बारे में हम सकारात्मक बने। क्योंकि आज हमारे सम्मुख शिक्षा का एक नया स्वरूप आया है जो दुनिया तक पहुंचने एवं प्रभावी शिक्षा का एक सशक्त माध्यम है। श्री पीयूष जैन ने विद्या भारती स्कूल की शैक्षणिक विशेषताओं की चर्चा करते हुए कहा कि हम शिक्षा में बौद्धिक एवं मानसिक विकास के साथ-साथ शारीरिक एवं भावनात्मक विकास पर बल देते हैं। डाॅ. आलम अली सिसोदिया ने राष्ट्रव्यापी स्तर पर संचालित किये जा रहे सामायिक अभियान की चर्चा करते हुए कहा कि सामायिक जैन साधना पद्धति की एक विशिष्ट प्रक्रिया है। लगभग 25 वर्ष पूर्व आचार्य श्री तुलसी के स्वस्थ समाज संरचना के सपनों को आकार देने के लिए श्रीमती मंजुला जैन के नेतृत्व में संचालित किये गये सामायिक क्लब की शिक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका है। समारोह की मुख्य अतिथि श्रीमती मंजुला जैन ने अपने उद्बोधन में कहा कि सामायिक एक चमत्कारिक एवं प्रभावी साधना का उपक्रम है जिसके माध्यम से आॅनलाइन शिक्षा को प्रभावी बनाया जा सकता है। विद्यार्थी वर्ग को सामायिक करने से ज्ञान वृद्धि होगी, अज्ञान मिटेगा, स्मरणशक्ति प्रखर होगी। छात्रों के साथ-साथ शिक्षक भी इसके प्रयोगों से तनाव एवं चिंतामुक्त होंगे। विद्यालय की प्राचार्य डाॅ. मंजूषा जोशी ने इस वेबनार को शिक्षकों के लिए उपयोगी बताया। शिक्षकों ने अपने अनुभवों में इस तरह के आध्यात्मिक प्रयोग निरंतर संचालित किये जाने की आवश्यकता व्यक्त की। लेखक एवं पत्रकार श्री ललित गर्ग ने नई शिक्षा नीति में इस तरह के आध्यात्मिक प्रयोगों को जोड़ने की आवश्यकता व्यक्त की।

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