नयी दिल्ली 13 दिसंबर, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने रविवार को कहा कि आतंकवाद वैयक्तिक स्वतंत्रता, वैश्विक आर्थिक विकास और लोकतंत्र जैसी सभ्य मानवीय समाज की आस्थाओं के लिए सबसे गम्भीर खतरा है। श्री नायडू ने वर्ष 2001 में संसद भवन पर हुए आतंकवादी हमले की बरसाी पर सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक पर एक संदेश में कहा कि संसद लोकतंत्र का मंदिर है और लोकतंत्र के लिए आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा है। इससे पहले वह इस अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में संसद भवन परिसर गए और वहां शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा, " 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले से हमारे लोकतंत्र के मंदिर की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान करने वाले वीरों को शत-शत नमन। ये दिन याद दिलाता है कि आतंकवाद लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है। आतंक समर्थक देशों के विरुद्ध विश्व समुदाय को एकजुट होना चाहिए।" श्री नायडू ने कहा, “ 13 दिसम्बर का दिन हमको आतंकवाद के भयावह खतरों के प्रति आगाह करता है, हमारी लोकतान्त्रिक आस्थाओं और आर्थिक विकास के लिए हमारी आकांक्षाओं के खिलाफ आतंकवाद के खतरों के प्रति हमें चेताता है। बीस साल पहले आज ही के दिन, हमारे एक पड़ोसी द्वारा समर्थित, प्रशिक्षित आतंकियों के दल ने दिन दहाड़े भारत के लोकतंत्र के मंदिर पर हमला किया था। इस हमले से विश्व जगत हिल गया था। हमारे संसद भवन की सुरक्षा में तैनात हमारे सजग जांबाज सुरक्षा प्रहरियों की सतर्कता और वीरता से एक बड़ी दुर्घटना होने से बच गई। इस आतंकवादी हमले को नाकाम करने में आठ वीरों तथा एक माली ने अपने प्राण दे कर सर्वोच्च बलिदान दिया। त्वरित कार्रवाई में पांचों आतंकवादी ढेर कर दिए गए।”
रविवार, 13 दिसंबर 2020
मानवीय समाज के लिए आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा : नायडू
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