दिल्ली/गुवाहाटी, 21 जनवरी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 23 जनवरी को असम के शिवसागर जिले स्थित जेरेंगा पठार में रहने वाले भूमिहीन लोगों के लिए 1.6 लाख भूमि पट्टा आवंटन प्रमाण पत्र वितरित करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि राज्य के स्थानीय लोगों के भूमि अधिकारों की रक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए असम सरकार ने व्यापक नई भूमि नीति बनाई और इन लोगों के लिए पट्टा आवंटन प्रमाणपत्र जारी करने और उनके बीच सुरक्षा की भावना पैदा करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। असम में 2016 में 5.75 लाख भूमिहीन परिवार थे। वर्तमान सरकार ने मई 2016 से 2.28 लाख आवंटन प्रमाण पत्र वितरित किए हैं। 23 जनवरी को होने वाला समारोह इस प्रक्रिया में अगला कदम है। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने गुवाहाटी में कहा कि आजादी के बाद यह पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में असम में लोगों को जमीन के ‘पट्टे’ दिये जाएंगे।उन्होंने बताया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दशकों से अनिश्चितता के बीच जीवन बिता रहे जातीय मूल के एक लाख से अधिक लोगों को जमीन का ‘पट्टा’ देने से संबंधित कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत करेंगे। असम में अब तक किसी भी पूर्ववर्ती सरकार ने लोगों के अनुकूल ऐसी पहल नहीं की थी।’’ कार्यक्रम का आयोजन शिवसागर जिले में जेरेंगा पठार में होगा। इस ऐतिहासिक स्थान का संबंध असम के पूर्ववर्ती अहोम साम्राज्य से है। सोनोवाल ने कहा कि संदिग्ध अवैध अप्रवासियों ने सरकारी भूमि, जनजातीय खंडों का अतिक्रमण किया था लेकिन राज्य सरकार ने उन्हें हटाने के लिए कदम उठाए और जातीय मूल के लोगों को जमीन उपलब्ध करायी जिनमें से अधिकतर आदिवासी, अत्यंत पिछड़ा वर्ग और चाय बागान में काम करने वाले पूर्व श्रमिक शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों ने स्थानीय लोगों को हमेशा नजरअंदाज किया और उन्हें जमीन का अधिकार नहीं दिया। इसकी वजह से ये लोग हमेशा भय के माहौल में रहे। हम इस अनिश्चितता को समाप्त करेंगे और प्रधानमंत्री इस आदर्श प्रक्रिया की शुरुआत करेंगे। सोनोवाल ने कहा कि लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने और ‘जाति, माटी और भीटी (मूल)’ की रक्षा के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने यह कदम उठाया है।
गुरुवार, 21 जनवरी 2021
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मोदी असम में करेंगे जमीन के पट्टों का वितरण
मोदी असम में करेंगे जमीन के पट्टों का वितरण
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सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
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