दलित परिवार मे जन्मे कॉमरेड नागेंद्र मांझी अपने संघर्ष के बदौलत ही बिना आरक्षण के 2001 मे 2006 तक वसतपुर पंचायत के मुखिया निर्वाचित हुए थे।अभी उनकी पत्नी कुमारी नीलिमा उक्त पंचायत की मुखिया हैं....
दरभंगा। दरभंगा जिले के बहादुर प्रखंड में है वसतपुर पंचायत। वर्ष 2001 से 2006 तक बिना आरक्षण के ही जनशक्ति के बल पर कॉमरेड नागेंद्र मांझी वसतपुर पंचायत का मुखिया बनने में कामयाब हो गये थे।वसतपुर पंचायत के पूर्व मुखिया कॉमरेड नागेंद्र मांझी का निधन हो गया।वे लगभग52वर्ष के थे।अपने पीछे पत्नी कुमारी नीलिमा, दो पुत्र के साथ पंचायत के लोगों को छोड़कर चले गये। अभी वसतपुर पंचायत की मुखिया कुमारी नीलिमा हैं। सीपीआई माले के नेता धीरेंद्र झा ने कहा कि दरभंगा जिला के बहादुरपुर प्रखंड के कोकट गांव के निवासी थे कॉमरेड नागेंद्र मांझी।सामन्तवाद विरोधी जुझारू संधर्ष के दौर में वे भाकपा माले में शामिल हुये थे।अपने संधर्षशील स्वभाव और जनता के प्रति समर्पण ने उन्हें दबे कुचले अत्याचार के मारे लोगों का लोकप्रिय जुझारू नेता और योद्धा बना दिया।उनके नेतृत्व में अनेकों भूस्वामियों ,सामन्ती गुंडों और पुलिसिया दमन के खिलाफ संधर्ष हुआ।वे अनेक वर्षों तक जेल में रहे और पुलिसिया दमन का शिकार हुए।वे गरीबों दलितों पिछड़ों के शान का नाम थे।उनकी मृत्यु से गरीबों शोषित पीड़ितों का बहुत नुकसान हुआ है। लगभग52वर्षीय नागेंद्र मांझी गरीब निम्न मध्यवर्गीय दलित परिवार के थे।उन्होंने ग्रैजुएट तक की शिक्षा पाई थी। दलित परिवार मे जन्मे श्री मांझी अपने संघर्ष के बदौलत ही बिना आरक्षण के 2001 से 2006 तक वसतपुर पंचायत के मुखिया निर्वाचित हुए थे।अभी उनकी पत्नी कुमारी नीलिमा पंचायत की मुखिया हैं।वे दो पुत्र के पिता हैं। अभी कुछ दिन पहले ही कोकट गांव निवासी दीपक चौरसिया अपहरण व हत्या कांड के खिलाफ चल रहे आंदोलन के अग्रिम भूमिका निभा रहे थे जिसके चलते ठंड लगने की वजह से ब्रेन हेमरेज हुआ और लहेरियासराय के हेरिटेज हॉस्पिटल में भर्ती किये गए।वहां से उन्हें पटना आईजीएमसी में स्थानांतरित कर दिया गया जहां गत रात 19 जनवरी 2021 को उनकी मृत्यु हो गई। वे दरभंगा मे पार्टी विस्तार काल मे भाकपा माले जिला कमिटि के भी सदस्य थे।अभी पंचायत के जनप्रतिनिधि की जिम्मेवारी निभाते हुए पार्टी प्रखण्ड कमिटी में थे।उनकी मृत्यु से पार्टी और जनता को अपूरणीय क्षति हुई है।हार्दिक श्रधांजलि।
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