नर्मदा महाविद्यालय में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर संगोष्ठी आयोजित - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 23 जनवरी 2021

नर्मदा महाविद्यालय में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर संगोष्ठी आयोजित

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शासकीय नर्मदा महाविद्यालय होशंगाबाद के हिंदी-विभाग के तत्वावधान में विश्व बैंक परियोजना के तहत नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती पर शोध संगोष्ठी का आयोजन किया गया। विषय प्रवर्तन करते हुए कार्यक्रम के संयोजक एवं विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्णगोपाल मिश्र ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस का व्यक्तित्व हमें सिखाता है कि आत्मसम्मान गौरव और देश की रक्षा करना ही इंसान होने का धर्म है तभी हम समाज की रक्षा कर पाएंगे। हिंदी साहित्य में सुभाष जी पर प्रचुर मात्रा में साहित्य रचा गया है। प्राचार्य डॉ ओ एन चौबे ने अपने उद्बोधन में  कहा नेताजी  के जय हिंद नारे से  देश में एक नए उत्साह का संचार हुआ जो आज भी हमें फौजी बने रहने की प्रेरणा देता है । डॉ बी सी जोशी ने बताया कि सुभाष और गांधी युग समानांतर थे हिटलर, मुसोलिनी, नाजीवाद और दिवतीय विश्व युद्ध अपने चरम पर थे फिर भी  सुभाष वाद ने अपना परचम लहराया। डॉ हंसा व्यास ने कहा कि अपने महापुरुषों के होने के एहसास से प्रेरित होकर जयंती मनाना तभी सार्थक होगा जब हम स्वयं  उनकी शिक्षाओं का अनुकरण करेंगे। डॉ बी एल राय ने अपने वक्तव्य में बताया कि सुभाष चन्द्र बोस  राजनैतिक,  साहित्यिक और  ऐतिहासिक दृष्टि से क्रांतिकारी नेता थे उनहोंने भारतीयों को झुकना नहीं बल्कि लडना  सिखाया। डॉ विनीता अवस्थी ने छात्रों को बताया कि नैतिक मूल्यों और देश प्रेम की भावना की  स्थापना करके ही हम अपने महापुरुषों को सच्ची श्रद्धांजलि दे पाएंगे । डॉ अर्पणा श्रीवास्तव ने नेताजी पर केंद्रित गीत का गायन किया ।छात्रा वैशाली प्रधान ने भाषण, सुभाष जी के मुख्य उदगार और गीत प्रस्तुत किए ।छात्र आकाश दिवाकर ने  जीवन परिचय प्रस्तुत किया। छात्र देवांश बैरागी ने अति विशिष्ट  और प्रभाव कारी मंच संचालन करते हुए कहा कि "यह तन वह घर है किराए का जो सभी छोड़कर जाते हैं, लेकिन दिल में रहने वाले अमरों में  नाम लिखाते हैं।" आभार व्यक्त करते हुए डॉ अंजना यादव ने कहा कि  नेताजी के चरित्र से हमें शिक्षा मिलती है कि हम आजीवन देश के सिपाही बने रहें । तकनीकी सहयोग रोहित प्रधान तथा विशिष्ट सहयोग शिवनारायण द्विवेदी  बलराम अहिरवार का रहा।h कार्यक्रम में डॉ. संजय चौधरी, डॉ. रश्मि तिवारी, डॉ.  सविता  गुप्ता, डॉ. एन  आर  अडलक,  डॉ. कल्पना विश्वास डॉ.नीना कीर,  डॉ. नीलू दुबे , तथा अत्यधिक संख्या में विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।

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