- अडानी-अंबानी का कंपनी राज देश पर थोपना चाहती है मोदी सरकार
- इंसाफ मंच ने निकाला किसान एकजुटता मार्च
- किसान आंदोलन के समर्थन में 26 जनवरी को बाईक पैरेड और 30 जनवरी को मानव शृंखला में भाग लेगा इंसाफ मंच.
मुजफ्फरपुर, 25 जनवरी। देश बचाओ-संविधान बचाओ, खेत-खेती किसान बचाओ नारे के साथ इंसाफ मंच ने शहर में किसान एकजुटता मार्च निकाला।जिसमें झंडे-बैनर और मांगों की तख्तियों के साथ सैकड़ों लोग शामिल थे। मार्च जेल चौक चंदवारा से शुरू होकर पक्की सराय,बनारस बैंक चौक, गोला रोड, टावर चौक, कंपनी बाग होते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा। एक प्रतिनिधि मंडल ने राष्ट्रपति के नाम जिलाधिकारी को स्मार पत्र प्रस्तुत कर काले कृषि कानूनों को रद्द करने,न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानून बनाने, प्रस्तावित बिजली बिल 2020 वापस लेने तथा किसान आंदोलन को बदनाम करने के साथ केन्द्र सरकार के द्वारा जारी अगर-मगर की राजनीति पर रोक लगाने की मांग की गई। मार्च की शुरुआत दिल्ली बोर्डर पर किसान आंदोलन में शहीद 150 किसानों को दो मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि देने के साथ हुई। मार्च को संबोधित करते हुए इंसाफ मंच के राज्य अध्यक्ष सूरज कुमार सिंह ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा लाये गए तीनों कृषि कानून देश की संघीय संवैधानिक व्यवस्था तथा जम्हूरियत के भी खिलाफ है। सारे नागरिकों के खिलाफ है। राज्य उपाध्यक्ष आफताब आलम ने कहा कि मोदी सरकार कृषि और उद्योग-धंधों को अडानी-अंबानी के हाथों गिरवी रख कर देश पर कंपनी राज थोपना चाहती है। आज किसानों के साथ देश आजादी बचाने की लड़ाई लड़ रहा है। प्रो अरविंद कुमार डे ने कहा कि किसानों को बचाने के लिए जारी ऐतिहासिक आंदोलन देश को बचाने का आंदोलन है।आज जन-जन का हाथ किसान आंदोलन के साथ है। हमसबों की मांग है कि केन्द्र सरकार अगर-मगर की नीति तथा किसान आंदोलन को बदनाम करने के बदले देश व किसान हित में तीनों काले कृषि कानूनों को वापस ले। किसान एकजुटता मार्च के दौरान यह भी घोषणा की गई कि 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में आयोजित किसानों के ट्रैक्टर परेड के समर्थन में इंसाफ मंच मुजफ्फरपुर में बाईक पैरेड मार्च निकालेगा तथा 30जनवरी को महात्मा गांधी के शहादत दिवस पर किसान आंदोलन के समर्थन में आयोजित मानव शृंखला में भाग लेगा। इंसाफ मंच के मार्च में राज्य अध्यक्ष सूरज कुमार सिंह, उपाध्यक्ष आफताब आलम, प्रो अरविंद कुमार डे,मौलाना अलीउल कादरी, मौलाना इरफान कासमी, मंच के अध्यक्ष फहद जमां, किसान-मजदूर नेता शत्रुघ्न सहनी, रेयाज खान, ऐहतेशाम रहमानी, अकबर आजम, मो. ऐजाज, ऐक्टू नेता मनोज यादव , किसान नेता परशुराम पाठक, होरिल राय, सुरेश ठाकुर, छात्र नेता दीपक कुमार, मो.शहनवाज, सौरभ कुमार पासवान, फैजान अख्तर, शफीकुर रहमान, मो. नौशाद, नूर आलम, मो. कासिम, इम्तियाज अहमद अर्सी सहित बड़ी संख्या में नौजवान व सामाजिक कार्यकर्ता प्रमुख रूप से शामिल थे।
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