नयी दिल्ली, 25 जनवरी, उच्चतम न्यायालय ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या मामले में दोषी बलवंत राजोआना की मौत की सजा बदलने के लिए दायर याचिका पर फैसला करने के लिए केंद्र को सोमवार को ‘आखिरी मौका’ दिया। शीर्ष अदालत ने केंद्र से दो हफ्ते में फैसला करने को कहा है। उधर, केंद्र ने अदालत से तीन हफ्ते का समय मांगते हुए कहा था कि वह मामले की समीक्षा कर रही है और मौजूदा परिस्थितियों में उसे समय की जरूरत है। प्रधान न्यायाधीश एस आर बोबडे, न्यायमूर्ति एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यन की पीठ ने सॉलिसीटर तुषार मेहता से पूछा कि सरकार को तीन हफ्ते का समय क्यों चाहिए, वह क्या कर रही है? पीठ ने कहा कि ‘‘हमें ‘तीन सप्ताह’ का समय अतार्किक लगता है, हमने आपसे 26 जनवरी तक फैसला करने के लिए कहा था, आज 25 जनवरी है।’’ मेहता ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनजर उनका अनुरोध है कि मामले की सुनवाई तीन हफ्ते बाद की जाए। इस पर पीठ ने कहा, ‘‘हम आपको आखिरी मौका देते हैं। दो सप्ताह।’’ सुनवाई के दौरान राजोआना की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह व्यक्ति (राजोआना) पिछले 25 साल से जेल में कैद है और उसकी दया याचिका गत नौ साल से लंबित है। गौरतलब है कि राजोआना पंजाब पुलिस का पूर्व कांस्टेबल है और उसे 1995 में पंजाब सचिवालय के समक्ष हुए धमाके में शामिल होने का दोषी ठहराया गया है जिसमें बेअंत सिंह और अन्य 16 लोगों की मौत की हो गई थी।
सोमवार, 25 जनवरी 2021

राजोआना पर फैसले के लिए केंद्र को ‘आखिरी मौका’
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