प्रधानमंत्री 23 जनवरी को कोलकाता में ‘पराक्रम दिवस’ को संबोधित करेंगे - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 21 जनवरी 2021

प्रधानमंत्री 23 जनवरी को कोलकाता में ‘पराक्रम दिवस’ को संबोधित करेंगे

pm-will-speek-to-kolkata-on-23
नयी दिल्ली, 21 जनवरी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 23 जनवरी को स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के मौके पर कोलकाता में आयोजित ‘‘पराक्रम दिवस’’ समारोह को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री असम के शिवसागर जिले स्थित जेरेंगा पठार भी जाएंगे और वहां 1.6 लाख भूमि पट्टा आवंटन प्रमाण पत्र वितरित करेंगे। बयान में कहा गया, ‘‘प्रधानमंत्री कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में पराक्रम दिवस समारोह के उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे।’’ सरकार ने पिछले दिनों नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को 'पराक्रम दिवस' के तौर पर मनाने का निर्णय किया। बोस की 125वीं जयंती 23 जनवरी को मनाई जाएगी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नेताजी के जीवन पर आधारित एक स्थायी प्रदर्शनी और एक ‘‘प्रोजेक्शन मैपिंग शो’’ का भी उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री नेताजी की याद में एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी करेंगे।इस दौरान नेताजी पर आधारित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘‘आमरा नूतोन जौवोनेरी दूत’’ का भी आयोजन किया जाएगा। इससे पहले प्रधानमंत्री कोलकाता स्थित नेशनल लाइब्रेरी का भी दौरा करेंगे। वहां ‘‘21वीं सदी में नेताजी की विरासत का पुन:अवलोकन’’ विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया है। वहां कलाकारों की ओर से एक प्रदर्शनी भी लगाई गई है। प्रधानमंत्री कलाकारों और सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिभागियों से संवाद करेंगे। गौरतलब है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में 85 सदस्यीय एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है जो साल भर के कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करेगी।

कोई टिप्पणी नहीं: