सरकार और किसान संगठनों के बीच 9 वें दौर की वार्ता विफल होने के बाद राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट करा कहा कि दिल्ली को जाम कर 2 करोड़ लोगों के मौलिक अधिकारों को बंधक बनाये रखने वाले किसान आंदोलन के 51 वें दिन केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच 9 वें दौर की वार्ता का भी विफल होना दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसा लगता है किसान नेता बिचौलियों के हित की अंतिम लडाई लड़ रहे हैं। सुमो ने अन्य ट्वीट में कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने स्वीकार किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने भारत जैसे बड़े कृषि प्रधान देश के लिए जो नये कृषि कानून बनाये, उनसे किसानों और उनकी पैदावार खरीदने वालों के बीच सीधा संबंध बनेगा, ग्रामीण क्षेत्र को बल मिलेगा और बिचौलियों का दबाव कम होगा। जो बात एक वैश्विक संगठन की समझ में आती है और जिससे देश के अनेक कृषि विशेषज्ञ भी सहमत हैं, उसे विपक्ष के उकसावे पर आंदोलन करने वाले किसान नेता समझने को तैयार नहीं। इससे पहले सुशील मोदी ने कहा था कि वे ट्रैक्टर रैली निकाल कर राजधानी में गणतंत्र दिवस की परेड में भी विघ्न डालना चाहते हैं, जबकि यह परेड कभी भाजपा या किसी सत्तारूढ़ दल का कार्यक्रम नहीं रही। जो लोग संसद, सर्वोच्च न्यायालय और राष्ट्रीय पर्व की गरिमा को ठेस पहुँचाने पर तुले हैं, वे असली किसान नहीं हो सकते।
शुक्रवार, 15 जनवरी 2021
बिचौलियों के हित की अंतिम लड़ाई लड़ रहे किसान नेता : सुशील मोदी
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