लखनऊ, 29 जनवरी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि संसदीय लोकतंत्र का आधार विधायिका है और सशक्त तथा समर्थ विधायिका लोकतंत्र की जड़ों को शक्तिशाली बनाती है। उन्होंने कहा कि सशक्त और समर्थ विधायिका के लिए सदस्यों द्वारा सदन में प्रभावी संवाद आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने विधान परिषद के सदस्यों के विदाई समारोह में कहा कि सदस्यों के आने-जाने का क्रम निरन्तर बना रहता है। उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान सदस्यों द्वारा दायित्वों का निर्वाह जिस निष्ठा, समर्पण, लगन और ईमानदारी के साथ किया जाता है, उससे समाज का जो भला होता है, वही कार्यकाल को स्मरणीय बनाता है। योगी ने विधान परिषद का कार्यकाल समाप्त होने वाले सदस्यों कांति सिंह, केदारनाथ सिंह, डॉ0 यज्ञदत्त शर्मा, डॉ0 असीम यादव, चेत नारायण सिंह, जगवीर किशोर जैन, सभापति विधान परिषद रमेश यादव और अन्य सदस्यगण आशु मलिक, रामजतन राजभर, वीरेन्द्र सिंह, साहब सिंह सैनी, धर्मवीर सिंह, अशोक प्रदीप कुमार जाटव के सदन में योगदान की सराहना करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य एवं स्वस्थ तथा दीर्घ जीवन की कामना की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानमण्डल के उच्च सदन, विधान परिषद ने देश में विधायिका की गरिमा के मानदण्ड स्थापित किए हैं। योगी ने कहा कि देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश का विधानमण्डल देश का सबसे बड़ा विधानमण्डल है।
शुक्रवार, 29 जनवरी 2021

संसदीय लोकतंत्र का आधार विधायिका है : योगी
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