कथित गोडसे समर्थक चौरसिया के कांग्रेस में आने पर राजनीति शुरू - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2021

कथित गोडसे समर्थक चौरसिया के कांग्रेस में आने पर राजनीति शुरू

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भोपाल, 25 फरवरी, मध्यप्रदेश के ग्वालियर के हिंदू महासभा से जुड़े एक नेता बाबूलाल चौरसिया के कांग्रेस में शामिल होने के मामले को लेकर राजनीति प्रारंभ हो गयी है। इस मामले में पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव का ट्वीट भी चर्चा में आ गया है। कथित तौर पर नाथूराम गोडसे समर्थक बाबूलाल चौरसिया की कांग्रेस में आमद संबंधी खबर को शेयर करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने लिखा है 'बापू हम शर्मिंदा हैं। महात्मा गांधी अमर रहें।' श्री यादव ने इस ट्वीट के साथ एक खबर और फोटो भी पोस्ट की है, जिसमें वरिष्ठ नेता कमलनाथ श्री चौरसिया का अभिवादन करते हुए दिख रहे हैं। श्री चौरसिया मूल रुप से ग्वालियर निवासी बताए गए हैं, जो हिन्दू महासभा से जुड़े थे और उन्होंने एक दो दिन में यहां प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में कांग्रेस का दामन थाम लिया है। श्री चौरसिया ग्वालियर नगर निगम के पार्षद भी रह चुके हैं। इसके पहले बुधवार को प्रदेश कांग्रेस की ओर से ट्वीट किया गया है जिसमें लिखा है 'ग्वालियर के वार्ड 44 के पार्षद एवं हिन्दू महासभा के नेता श्री बाबूलाल चौरसिया आज प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ जी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुए। श्री चौरसिया जी का कांग्रेस परिवार में स्वागत है।' इस मामले को लेकर चल रही राजनीति के बीच प्रदेश भाजपा सचिव रजनीश अग्रवाल ने ट्वीट के जरिए लिखा है 'गोडसे के विचार घर घर पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध नेताजी अब कांग्रेस में आकर अपने लक्ष्य को पूरा करेंगे! यही कांग्रेस का गांधी और गांधीवाद के बारे में पाखण्ड है। नेहरु को पूजने वालों ने गांधी के विचारों की हत्या पहले ही कर दी थी। अब तो गोडसे को पूजने वालों को महत्व दे रहे हैं।' उन्होंने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा 'कांग्रेस की एक ही विचारधारा है- सत्तावाद। कांग्रेस के लिए सत्ता, लूट और महत्वाकांक्षाओं के तुष्टिकरण का उपकरण मात्र है। गांधी और गांधीवाद को तजा और गाँधी का मतलब सोनिया/राहुल/प्रियंका ही समझ लिया।' उधर प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने इस संबंध में कहा कि श्री चौरसिया पहले से ही कांग्रेस मेें थे। चुनाव में टिकट संबंधी कारणों से वे ग्वालियर में निर्दलीय चुनाव लड़े और अब वापस कांग्रेस में आ गए हैं। उनका आरोप है कि सत्तारूढ़ दल भाजपा इस मामले को बेवजह तूल दे रही है।

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