दरभंगा। जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम की अध्यक्षता में उनके कार्यालय कक्ष में वंडर एप्प की प्रगति को लेकर समीक्षा बैठक की गई। बैठक में बताया गया कि 6 प्रखंडों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों द्वारा वंडर एप्प पर एक्टिव केस की प्रविष्टि कम पायी गयी है। इसमें अलीनगर, बहादुरपुर, किरतपुर, मनीगाछी, सतीघाट एवं बिरौल शामिल हैं। 1 नवंबर 2020 से 15 फरवरी 2021 तक की गई प्रगति की समीक्षा में तीन प्रखंडों की स्थिति अधिक असंतोषजनक पाई गयी। जिसमें जाले, घनश्यामपुर, केवटी रनवे शामिल हैं। वैसे चिकित्सा केंद्र जिनके द्वारा वंडर से रेफर किए गए अनेक मामले डी.एम.सी.एच नहीं पहुंच पाया। वे हैं अलीनगर, बहादुरपुर, बहेड़ी, बिरौल, घनश्यामपुर, हनुमाननगर, हायाघाट, केवटी, किरतपुर एवं सतीघाट।
वैसे प्राथमिक चिकित्सा केंद्र जिन्होंने कई समस्याग्रस्त मामले को वंडर से रेफर नहीं किया। पीएचसी बहेड़ी, बेनीपुर, हनुमाननगर,जाले, किरतपुर, मनिगाछी, सतीघाट एवं तारडीह पीएचसी इसमें शामिल हैं। समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने किरतपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से जानना चाहा कि अबतक केवल 30 मामले की प्रविष्टि वंडर पर की गई एवं उसमें से सिर्फ एक मामले में रेड अलर्ट बताया जा रहा है, क्यों? पूछने पर पता चला कि ऑनलाइन जुड़ा हुआ कर्मी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी नहीं है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के उपस्थित नहीं होने के संबंध में उसने बताया कि एक डॉक्टर फैजल इमाम तीन दिनों से नहीं आ रहे हैं और एक चिकित्सक छुट्टी पर हैं तथा एक ट्रेनिंग में है इसीलिए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अस्पताल संभाल रहे हैं। जिला पदाधिकारी ने सिर्फ 10 मिनट की बैठक में ऑनलाइन उपस्थित नहीं होना, को लापरवाही एवं स्वेच्छाचारिता मानते हुए डॉक्टर फैजल इमाम का 3 दिनों का एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, किरतपुर का एक दिन का वेतन स्थगित करते हुए स्पष्टीकरण का मांग की है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बेनीपुर से भी वंडर एप्प कार्यक्रम में धीमी प्रगति के लिए स्पष्टीकरण की मांग की गई है।समीक्षा के दौरान जिला पदाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक सोमवार को आयोजित वंडर कैंप के पश्चात प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी प्राप्त मामलों की समीक्षा कर गंभीर मामलों को वंडर एप्प पर प्रविष्टि करावें। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है कि गंभीर समस्या ग्रस्त मामले में एलर्ट विकसित हो, ताकि उस गर्भवती मरीज का समय अनुश्रवण किया जा सके। बहादुरपुर प्राथमिक चिकित्सा केंद्र के संबंध में बताया गया की प्रीक्लेम्प्सिया से ग्रसित पिंकी कुमारी को डीएमसीएच रेफर किया गया था लेकिन उस मरीज(पेैसेंट) का विवरण वंडर ऐप पर 1 दिन बाद डाला गया। बहादुरपुर के प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक दिनेश आनंद की इस लापरवाही के लिए उसका स्तानन्तरण कुशेश्वरस्थान पीएचसी में करने का निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि अगर वहां भी वे ठीक से काम नहीं करते हैं, तो उन्हें सेवा मुक्त किया जाएगा । एन्टीसॉक गारमेंट्स के संबंध में बताया गया कि इसका वितरण सभी पीएचसी में किया गया है तथा इसके प्रयोग के अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। बैठक में सिविल सर्जन दरभंगा, उप निदेशक जन-सम्पर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता, डी. पी.एम विशाल कुमार तथा केयरइंडिया के समन्वय, यूनिसेफ के ओंकार चंद्र, यू एन डी पी के पंकज कुमार सहित संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।
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