- किसान आंदोलन के समर्थन में आयोजित आज सुगौली प्रखंड के लक्ष्मीपुर कोना गांव में संपन्न हुआ
सुगौली. किसानों का महापंचायत को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता अमर ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र होने के बाद भी सुगौली प्रखंड के यह सभी गांव आज भी उपेक्षित है. उन्होंने कहा कि हर वर्ष आने वाली बाढ़ से होने वाली तबाही और चीनी मिल द्वारा जहरीली पानी छोड़े जाने के कारण जिले की लाइफ लाइन माने जाने वाली सिकरहना नदी पूरी तरह से प्रदूषित है.जिसके कारण अनेक प्रकार की बीमारियों के शिकार यहां के लोग होते हैं.साथ ही बाढ़ के समय सिकरहना नदी के पानी खेतों में फैलने की वजह से यहां की सभी फसलें और नदी नालों पर आश्रित समाज के लिए भी आजीविका चुनौती बन जाती है. इस अवसर पर देशभर में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में यहां इकट्ठा हुए मजदूर किसानों ने आंदोलन में शहीद हुए लोगों के प्रति 1 मिनट का मौन रखा गया.तथा ग्लेशियर फटने के जद में आये लोगों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गई. मुख्य वक्ता अमर ने कहा कि किसानों के खेती फसल नुकसान की भरपाई वास्ते बड़े पैमाने पर रोजगार उन्मुख कार्यक्रम चलाने के साथ-साथ प्रभावित परिवारों को इन क्षेत्रों में टूटे हुए सड़कों पुल पुलियों के मरम्मत के साथ-साथ नदी के दोनों किनारे हो रहे कटाव स्थल को दुरुस्त करने, पशु पालन, बकरी पालन, मछली पालन को बढ़ावा देने हेतु समूह बनाकर वित्तीय सहयोग और प्रशिक्षण देने का प्रस्ताव भी पारित किया गया.साथ ही रोशनपुर सपहा घाट पर पुल बनाने की मांग भी उपस्थित लोगों के द्वारा की गई.बंद पड़े चीनी मिलो को जल्द से जल्द शुरू कर कोरोना से प्रभावित प्रवासी मजदूरों और नौजवानों के लिए रोजगार सृजन की नई व्यवस्था आरंभ किए जाने का प्रस्ताव भी किसान महापंचायत में लिया गया. किसान महापंचायत की अध्यक्षता विशुनदेव सहनी ने किया। और संचालन दक्षिणी मानसिंघ पंचायत के पंचायत समिति सदस्य एकराम अहमद ने किया वही संबोधित करने वालों में सामाजिक कार्यकर्ता हामिद रजा, कृष्णा कुमार, रघुनाथ प्रसाद गुप्ता,दीपू मिश्रा, ज्ञानती देवी, रेशमी देवी, बाबूलाल सहनी सपहा सहित अन्य लोगों ने संबोधित किया.
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