नयी दिल्ली, 27 फरवरी, बिहार में परंपरागत फसलों की जगह फलों, सब्जियों और नकदी फसलों को बढ़ावा देकर किसानों की आय बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे । केन्द्रीय कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने बिहार के 38 जिलों के लिए एक जिला-एक उत्पाद योजना को मंजूरी दी है। बिहार में आम, लीची, मखाना, पपीता, केला, टमाटर, प्याज, शहद, हल्दी, मिर्च, मशरूम आदि के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा । आम के लिए भागलपुर , अरवल और मधेपुरा जिले का चयन किया गया है। भागलपुर जिले का विशेषकर जर्दालू आम की पैदावार को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। लीची के लिए मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी और पूर्वी चंपारण जिले का चयन किया गया है । मखाना के लिए अररिया , दरभंगा ,कटिहार ,मधुबनी , सहरसा और सुपौल जिले का चुनाव किया गया है। मखाना के उत्पादन में बिहार का एकाधिकार है और विदेश में इसकी भारी मांग है। पश्चिम चंपारण जिले को गन्ना , वैशाली जिले का शहद,बक्सर और सिवान जिले का चयन मेंथा उत्पादन के लिए किया गया है। औरंगाबाद जिले में स्ट्रेवरी , बांका जिले में विशेष सुगंध वाले कतरनी धान, भोजपुर जिले का मटर तथा गया जिले में मशरूम उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा। समस्तीपुर जिले में हल्दी तथा बेगूसराय जिले में मिर्च की खेती पर जोर दिया जाएगा। गोपालगंज जिले में पपीता, जम्मू में कटहल ,किशनगंज जिले में पाइन एप्पल के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा। खगड़िया और जिले में केला के बाग को बढ़ावा मिलेगा। लखीसराय , रोहतास और सारण जिले में टमाटर की खेती पर विशेष धयान दिया जाएगा । पटना और शेखपुरा जिले का प्याज की खेती के लिए चयन किया गया है। मुंगेर जिले में लेमन ग्रास, नालंदा जिले में आलू और शिवहर जिले में शहजन की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।
रविवार, 28 फ़रवरी 2021
बिहार में फल, सब्जी और नकदी फसलों को बढ़ावा
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