बिहार : कोरोना टेस्टिंग के बाद अब चुनाव प्रबंधन घोटाला - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 14 फ़रवरी 2021

बिहार : कोरोना टेस्टिंग के बाद अब चुनाव प्रबंधन घोटाला

covid-management-scam-bihar
पटना : बिहार में हर रोज किसी न किसी प्रकार के घोटाले के मामले निकाल कर सामने आ रहे हैं। बिहार में कुछ दिनों पहले कोरोना टेस्टिंग मामले में फर्जीवाड़ा निकल कर सामने आया उसके बाद अब पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में प्रबंधन के नाम पर फर्जीवाड़ा का मामला सामने आ रहा है। दरअसल पटना जिले में चुनाव के तैयारी और प्रबंधन को लेकर जो बिल जमा किए गए हैं उस पर संदेह होने के बाद जिला प्रशासन ने इसकी जांच करवाई तो पाया गया कि इसमें पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। मालूम हो कि अर्धसैनिक बलों की कई कंपनियां पटना जिले में तैनात की गई थी। इनके लिए रहने, खाने, टेंट और आने जाने के लिए गाड़ियों की खर्च को मिलाकर 42 करोड़ का बिल दिया गया। जिसके बाद ओवर बिलिंग को लेकर पटना के तत्कालिक जिलाधिकारी कुमार रवि ने संदेह जताया और इसके बाद 3 सदस्यों की कमेटी बनाई गई, जिन्हें जांच का जिम्मा दिया गया। इस कमिटी ने खर्च का आकलन कर 13 करोड़ 40 लाख के भुगतान के लिए जिला अधिकारी को अनुशंसा कर दी थी। इसको लेकर पटना के अधिकारियों ने बताया कि जिन एजेंसियों के खिलाफ जांच हो रही है उनमें पटना के सिन्हा डेकोरेशन और महावीर डेकोरेशन शामिल है। इस जांच में खुलासा हुआ है कि अर्धसैनिक बलों को जिस जगह पर ठहराने के लिए टेंट लगाने का टेंडर दिया गया था वहां कभी भी अर्धसैनिक बल के कोई भी जवान ठहरे ही नहीं। साथ ही बस नंबर के जगह पर दोपहिया वाहनों का नंबर दे दिया गया। इसके साथ ही टेंट लगाने का जो खर्च दिया गया है वह भी बाजार भाव से अधिक है। बिहार विधानसभा चुनाव में 6 जिले हैं, जहां सबसे अधिक खर्च दिखाया गया है। इनमें गया, बांका, पूर्वी चंपारण, कटिहार, सीतामढ़ी, दरभंगा और पटना जिला शामिल हैं। इसमें सबसे अधिक खर्च का ब्यौरा पटना जिला में ही दिया गया है। वहीं दूसरे जिले से अब तक इस मामले में कोई बात सामने नहीं आई है।

कोई टिप्पणी नहीं: