नयी दिल्ली, आठ फरवरी, तमिल को भारत की आधिकारिक भाषा बनाने की मांग उठाते हुए द्रमुक के एक सांसद ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि केंद्र सरकार को ‘आग से नहीं खेलना’ चाहिए और तमिल भाषा को लेकर उचित निर्णय लेने चाहिए। निचले सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए द्रमुक के नेता टी आर बालू ने कहा कि तमिल को देश की आधिकारिक भाषा बनाया जाना चाहिए लेकिन सरकार इस ओर ध्यान क्यों नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि श्रीलंका, सिंगापुर जैसे देशों में भी तमिल आधिकारिक भाषा है तो भारत जैसे बड़े देश में क्या दिक्कत है। बालू ने दावा किया कि तमिलनाडु में 49 केंद्रीय विद्यालय हैं, लेकिन एक में भी तमिल भाषा नहीं पढ़ाई जाती। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार इन केंद्रीय विद्यालयों में तमिल भाषा की पढ़ाई नहीं होने देना चाहती।’’ बालू ने सरकार को आगाह करते हुए कहा कि उसे ‘आग से नहीं खेलना’ चाहिए और तमिल को उचित स्थान देना चाहिए। द्रमुक नेता ने कोरोना वायरस का टीका लाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका की प्रशंसा की और कहा कि इस कार्य में देश के वैज्ञानिक भी प्रधानमंत्री के साथ खड़े रहे। इस दौरान सदन में प्रधानमंत्री मोदी उपस्थित थे। बालू ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर 70 दिन से अधिक समय से किसान आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांग नहीं सुन रही। सरकार को इस पर किसी भी तरह का ‘अहम’ छोड़कर सकारात्मक तरीके से जवाब देना होगा। बालू ने कहा कि सरकार को तत्काल तीन नये केंद्रीय कानूनों को वापस लेकर विवाद का हल निकालना चाहिए। उन्होंने नये संसद भवन और सचिवालयों संबंधी निर्माणाधीन सेंट्रल विस्टा परियोजना पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि मौजूदा संसद भवन में क्या कमी है और सेंट्रल विस्टा के लिए 20 हजार करोड़ रुपये खर्च करने की क्या जरूरत है। बालू ने तमिलनाडु के मछुआरों की समस्याओं के लिए भी सरकार से सुधारात्मक कदम उठाने का अनुरोध किया और महिला आरक्षण विधेयक पर भी ध्यान देने की बात कही।
सोमवार, 8 फ़रवरी 2021
तमिल को आधिकारिक भाषा बनाया जाए : द्रमुक
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