मुंबई/नयी दिल्ली, आठ फरवरी, महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सोमवार को कहा कि राज्य का खुफिया विभाग कुछ हस्तियों पर किसान आंदोलन को लेकर ट्वीट करने का दबाव डाले जाने के आरोपों के संबंध में जांच करेगा। इस पर भाजपा ने नाराजगी जताते हुए राज्य सरकार पर पलटवार किया। देशमुख ने एक ऑनलाइन मंच पर राज्य सरकार के सहयोगी दल कांग्रेस की तरफ से इस संबंध में मांग किये जाने के बाद यह टिप्पणी की। इस बीच, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उसके शासन का अंदाज बहुत निराला है जो विदेशों की ‘‘अराजक आवाजों’’ की सराहना करती है लेकिन देश के हित में आवाज उठाने वाले राष्ट्रभक्त भारतीयों को ‘‘प्रताड़ित’’ कर रही है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘महाराष्ट्र में एमवीए (महाराष्ट्र विकास आघाड़ी) सरकार का शासन का अनोखा मॉडल है। विदेशों से आ रही अराजक आवाजों की सराहना कर रही है जो भारत की खराब छवि प्रस्तुत करती हैं लेकिन राष्ट्रभक्त भारतीयों को प्रताड़ित कर रही है, जो देश हित में खड़े हुए हैं। यह निर्णय कर पाना मुश्किल है कि कौन ज्यादा दोषपूर्ण है-उनकी प्राथमिकताएं या उनकी मानसिकता।’’ सोमवार को बैठक के दौरान महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत और पार्टी के कुछ अन्य नेताओं ने किसान आंदोलन को लेकर कुछ हस्तियों के ट्वीट का भाजपा से कथित तौर पर संबंधित होने का आरोप लगाया था।
हाल ही में अमेरिकी गायिका रिहाना और स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट किए थे। इसके बाद क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और गायिका लता मंगेशकर ने सरकार के समर्थन वाले हैशटेग के साथ जवाबी ट्वीट किए थे। देशमुख के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस बैठक के बाद सावंत ने ट्वीट किया, ' मशहूर हस्तियों द्वारा किए गए ट्वीट का भाजपा के साथ संबंध होने की जांच करने और आवश्यकतानुसार हमारे राष्ट्रीय नायकों को सुरक्षा प्रदान किए जाने की मांग की गई। साथ ही इस बात की भी जांच की मांग की गई कि कहीं भाजपा ने इन हस्तियों पर ट्वीट करने का दबाव तो नहीं डाला? ' देशमुख ने इस बात का उल्लेख किया कि बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल और अभिनेता अक्षय कुमार द्वारा किए गए ट्वीट में समानता थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का सवाल है कि कहीं दोनों हस्तियों ने एक ही तरह के ट्वीट एक साथ किसी दबाव में तो नहीं किए? उधर, महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने मुंबई में संवाददताओं से बातचीत में केंद्र सरकार पर मशहूर हस्तियों पर ‘‘अंडरवर्ल्ड की तरह’’ दबाव डालने का आरोप लगाया। उधर, भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने इस कदम को ‘‘घृणास्पद और अत्यंत निंदनीय’’ बताया और कहा कि सत्तारूढ़ महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार को भारत रत्न विजेताओं के लिए ‘‘जांच’’ शब्द का इस्तेमाल करते हुए शर्मिंदगी महसूस होना चाहिए। उन्होंने कहा ऐसा लगता है कि उन सबकी ‘‘मानसिक हालत’’ की जांच होनी चाहिए जिन्होंने इस जांच की मांग की है और इसका आदेश दिया है। फडणवीस ने ट्वीट किया, ‘‘क्या यह एमवीए सरकार सारा विवेक खो चुकी है? एमवीए को भारत रत्न विजेताओं के लिए जांच शब्द के इस्तेमाल पर शर्मसार होना चाहिए। भारत रत्न विजेताओं के खिलाफ इस तरह की मांग और ऐसे आदेश देने वालों के मानसिक स्वास्थ्य की जांच कराने की जरूरत है।’’ पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार पर परोक्ष हमला करते हुए कहा, ‘‘आपका मराठी गौरव अब कहां गया? आपका महाराष्ट्र धर्म अब कहां है? देश के लिए एकजुट होने वाले ‘भारत रत्न’ के खिलाफ जांच का आदेश देने वाले ऐसे ‘रत्न’ हमें देश भर में नहीं मिलेंगे।’’
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