मिथिला लोकतांत्रिक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज झा ने बिहार की एनडीए सरकार पर मिथिला क्षेत्र के पर्यटन स्थलों की घनघोर उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि मिथिला क्षेत्र में एतिहासिक रुप से मौजूद तमाम कई पर्यटन स्थलों के बावजूद मिथिला क्षेत्र के पार्यटनिक विकास की लगातार अनदेखी निराशाजनक है। जबकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वर्षों से लगातार इस बात को दोहराते आ रहे हैं कि मिथिला के विकास के बिना बिहार का विकास अधूरा है। मोर्चा के अध्यक्ष मनोज झा ने कहा कि मिथिला क्षेत्र का संबंध रामायण काल से रहा है इस बात को तमाम सनातनी ग्रन्थ भी उद्धृत करती है। मिथिला क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर जिसके साक्ष्य आज भी हैं। मिथिला का संबंध माता जानकी से रहा है जबकि सीताजन्मस्थली, अहिल्यास्थान, गौतमकुंड, सीता फुलवारी फुलहर, गिरजा मंदिर, विश्वामित्र आश्रम विशौल, श्रृंगीऋषि आश्रम, यज्ञावलक्य तपोभूमि जगवन, सीताकुंड मुंगेर समेत दर्जनों महत्वपूर्ण रामायण कालीन पर्यटक स्थल मिथिला में मौजूद है लेकिन सबके सब उपेक्षित। मिथिला के आधिकारिक विकास की बात आते ही सरकारी योजनाओं का नालंदा और गया मोड में चला जाना मिथिला नगरी की घनघोर उपेक्षा है जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2021
मिथिला क्षेत्र के पार्यटनिक विकास की अनदेखी निराशाजनक - मनोज झा
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