नयी दिल्ली, 17 फरवरी, दलाई लामा ने बुधवार को कहा कि जब तक पुलिस कार्रवाई की मंशा व्यापक लोगों की भलाई है तब तक अपने काम में उनकी दृढ़ता ठीक है। दलाई लामा ने कहा, ‘‘दृढ़ता सामान्य रूप से अनुशासन का एक तरीका है। यह हिंसक है या नहीं, यह पूरी तरह से उसकी मंशा पर निर्भर करता है। पुलिस के रूप में, कुछ परिस्थितियों में, आपको कठोर तरीकों का इस्तेमाल करने की आवश्यकता है, लेकिन लोगों की सुरक्षा व्यापक मंशा होनी चाहिये । दलाई लामा भारतीय पुलिस फाउंडेशन के अनुरोध पर ‘‘पुलिसिंग में संवेदना और करूणा’’ विषय पर व्याख्यान दे रहे थे । वह हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला में अपने निवास से पुलिस बल के सदस्यों को टलीकान्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने लोगों का करूणामय और संवेदनशली बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि इस प्रकार की शिक्षा किसी की भी तालीम का एक हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिम में... अंग्रेजों ने आधुनिक शिक्षा की शुरुआत की, लेकिन आपको देश की हजार साल पुरानी परंपराओं को बनाए रखने की भी कोशिश करनी चाहिए, जो अहिंसा, करुणा, सहानुभूति है।’’ धर्म गुरू ने कहा, ‘‘हमें धर्मनिरपेक्ष तरीके से छात्रों को शिक्षित करने पर अधिक ध्यान देना चाहिए। इस तरह की शिक्षा लोगों को अपने आप अधिक दयावान बनाएगी ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय पुलिस करुणा और अहिंसा की रक्षक है ।’’ तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा 1959 के तिब्बती विद्रोह के दौरान भाग जाने के बाद से भारत में निर्वासित जीवन बिता रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा सारा जीवन सुरक्षाकर्मियों के साथ बीता है । मैने चीनी पुलिस के साथ नौ साल और भारतीय पुलिस के साथ 60 साल बिताए हैं और भारतीय पुलिस लोकतंत्र और सिद्धांतों पर काम करती है।’’ आपराधिक न्याय प्रणाली के बारे में पूछे जाने पर दलाई लामा ने कहा कि वह मौत की सजा के खिलाफ हैं।
बुधवार, 17 फ़रवरी 2021
मंशा अच्छी होने पर सख्ती बरतना ठीक है : दलाई लामा
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