बिहार : 18 मार्च को ऐतिहासिक होगा विधानसभा मार्च - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 13 मार्च 2021

बिहार : 18 मार्च को ऐतिहासिक होगा विधानसभा मार्च

  • 15 मार्च को निजीकरण के खिलाफ मजदूर-किसान एकता दिवस और 26 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भारत बंद को समर्थन
  • बिहार शराबमाफियाओं व अपराधियों के चंगुल में, आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा हराओ मुहिम के साथ उतरेगी माले
  • बंगाल चुनाव में 2016 में वाममोर्चा की जीती सीटों व आइशी घोष को माले का समर्थन, बाकी सीटों पर भाजपा को हराने वाले उम्मीदवार को वोट की अपील

cpi-ml-historical-assembly-march
पटना, बिहार में अंग्रेजों के कंपनी राज व जमींदारी व्यवस्था के खिलाफ चले जुझारू किसान आंदोलन के महान नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती की जयंती पर 11 मार्च को बिहटा में एक विशाल किसान महापंचायत का आयोजन हुआ, जिसमें व्यापक पैमाने पर छोटे व बटाईदारों किसानों की भागीदारी हुई. बिहटा से ही 7 किसान रथ यात्रायें भी निकाली गईं जो राज्य के विभिन्न जोन में 11 से 15 मार्च तक दौरा करेगी. स्वामी सहजानंद सरस्वती की जयंती पर 11 मार्च को हमारी पार्टी ने पूरे राज्य में किसान दिवस का आयोजन किया. इसका समापन 18 मार्च को पटना में विधानसभा मार्च में होगा. यह मार्च ऐतिहासिक होने वाला है. हमें उम्मीद है कि इस मार्च में किसानों व न्यायप्रिय नागरिकों की बड़ी भागीदारी होगी. तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे देशव्यापी किसान आंदोलन के खिलाफ भाजपा का अनर्गल प्रचार लगातार जारी है. अब भाजपा छोटे बनाम बड़े किसानों की बहस खड़ा करके आंदोलन को दिगभ्रमित करने की कोशिश कर रही है. यह हर किसी को पता है कि भाजपा का छोटे व बटाईदार किसानों के प्रति क्या रूख है? इन किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना भी नहीं मिलता है. बिहार ने भाजपा की इस चुनौती को स्वीकार किया है. यहां के छोटे - बटाईदार किसान उसी प्रकार से आंदोलन में उतरने लगे हैं, जैसे पंजाब के किसान. तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की केंद्रीय मांग के साथ-साथ एमएसपी को कानूनी दर्जा, एपीएमसी ऐक्ट की पुनर्बहाली और छोटे-बटाईदार किसानों को प्रधानमंत्री किसान योजना का लाभ प्रदान करना आदि मुद्दों के इर्द-गिर्द यहां के किसानों की गोलबंदी आरंभ हो गई है. 18 मार्च को एक बार फिर पटना की सड़क पर यह गोलबंदी दिखेगी.


हमारी पार्टी 15 मार्च को किसान व ट्रेड यूनियन संगठनों के संयुक्त आह्वान पर आगामी 15 मार्च को निजीकरण विरोधी मजदूर-किसान एकता दिवस मनाने के फैसले का सवागत व समर्थन करती है. हम बिहार के मजदूर-किसानों से आह्वान करते हैं कि वे अपनी पूरी ताकत से 15 मार्च के कार्यक्रम को सफल बनावें. हम बिहार के छात्र-युवाओं से भी आग्रह करते हैं कि वे निजीकरण के खिलाफ रोजगार के सवाल पर 15 मार्च के कार्यक्रम में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें और व्यापक आंदोलन का निर्माण करें. हमें पता चला है कि 26 मार्च को किसान आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने भारत बंद का ऐलान किया है. हमारी पार्टी भारत बंद का पूरी तरह समर्थन करती है और बिहार के तमाम न्यायप्रिय नागरिकों से किसान आंदोलन के समर्थन तके भारत बंद को सफल बनाने की करती है. आगामी कई राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. पश्चिम बंगाल पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. इन चुनावों में हम भाजपा विरोधी एक जोरदार राजनीतिक अभियान छेडेंगे. भाजपा को सत्ता में आने से रोकना हमारा पहला मकसद है. हमारी पार्टी बंगाल में 12, तमिलनाडु में 12, पांडिचेरी में 1 और असम में पांच सीटों पर चुनाव लड़ रही है. अपनी सीटों के अलावा वह भाजपा को हराने का अभियान चलाएगी. बिहार आज पूरी तरह शराब माफियाओं व अपराधियों के चंगुल में है. हमारी पार्टी के विधायकों ने मजबूती से विधानसभा के अंदर मंत्री रामसूरत राय के खिलाफ आवाजें उठाईं. उनके पिता के नाम पर स्थापित स्कूल में बड़ी मात्रा में शराब की छापेमारी हुई थी. आज पूरे बिहार में राजनेता-प्रशासव व शराबमाफियाओं के गठजोड़ के तहत शराब का अवैध कारोबार धड़ल्ले से जारी है. लेकिन सरकार शराब माफियाओं पर कार्रवाई करने की बजाए गरीबों को परेशान कर रही है. अपराध की घटनाओं में भी लगातार वृद्धि हो रही है. चाहे शराब माफियाओं द्वारा एक दारोगा की हत्या का मामला हो अथवा संझौली में दिनदहाड़े सामंती अपराधियों द्वारा गोली मारकर आतंक पैदा करने की कोशिशें. हमारी मांग है कि सरकार शराब माफियाओं पर लगाम लगाए.

कोई टिप्पणी नहीं: