नयी दिल्ली, 20 मार्च, स्वास्थ्य मंत्री ने हर्ष वर्द्धन ने टीबी को खत्म करने की सरकार की राजनीतिक प्रतिबद्धता को दोहराते हुए शनिवार को कहा कि वर्ष 2025 से पहले देश से इस बीमारी को जड़ से खत्म करने को उच्च प्राथमिकता दी जा रही है। डॉ हर्ष वर्धन ने ‘भारत टीबी सम्मेलन’ को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि सरकार रैपिड मॉलिक्यूलर टेस्ट के माध्यम से निःशुल्क परीक्षण को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही टीबी मरीजों को निःशुल्क उपचार, उच्च गुणवत्ता वाली दवायें, वित्तीय और पोषण संबंधी सहायता तथा गैर सरकारी एजेंसियों और निजी क्षेत्र की सहभागिता से इस प्रयास को और तेज करने के लिए डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल को लेकर भी प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि यह प्रयास टीबी मुक्त विश्व के इस अभियान में भारत को नेतृत्वकर्ता की भूमिका में खड़ा करता है। टीबी उन्मूलन का लक्ष्य 2025 से पहले हासिल करने के लिए ‘राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम’ (एनटीईपी) के तहत महत्वकांक्षी रणनीति ‘राष्ट्रीय रणनीतिक योजना (एनएसपी) का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा एनएसपी के चलते ठोस रणनीति तैयार करने और संसाधनों का सुव्यवस्थित इस्तेमाल में मदद मिली जिसके कारण टीबी के मामलों में लगातार कमी आ रही है। साथ ही टीबी प्रभावित मरीजों की मृत्यु दर भी कम हो रही है। एनटीईपी ने निजी क्षेत्र के साथ संबंध मजबूत करने, राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर टीबी फोरम के माध्यम से सामुदायिक जुड़ाव को मजबूत करने और स्वास्थ्य प्रणाली में सभी स्तरों पर टीबी सेवाओं को एकीकृत करने के लिए रोगी प्रदाता सहायता एजेंसियों (पीपीएसए) के अनुबंध जैसे कई नवाचारों की शुरुआत की है। इसमें आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र शामिल हैं जो टीबी को व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल का एक अनिवार्य हिस्सा बना रहे हैं।
live news, livenews, live samachar, livesamachar, 2good flipkart
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें