पटना. हाल में महामहिम राज्यपाल, बिहार द्वारा संविधान के अनुच्छेद 171 के खंड (3) के उपखंड (ड़) एवं खंड (5) के अधीन जिन 12 सम्माननीय सदस्यों का विधान पार्षद के रूप में मनोनयन किया गया है वह संवैधानिक प्रावधानों को पूरा नहीं करता.यह सभी रिक्त सीटों को साहित्य, कला, विज्ञान, सहकारिता आंदोलन एवं समाज सेवा के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों से भरना था.जबकि सभी मनोनीत सदस्य पूर्णकालिक राजनीतिक कार्यकर्ता हैं. शैडो गवर्नमेंट बिहार के मुख्यमंत्री डॉ सुमन लाल ने कहा यह मनोनयन प्रावधानों का सरासर उल्लंघन है. संविधान के प्रावधानों को सही अर्थों में नहीं मानना उसकी आत्मा को मारने जैसा है. हम महामहिम से अनुरोध करते हैं कि वे इस मनोनयन पर पूर्णविचार करें. 'जागो' के संयोजक एवं 'शैडो गवर्नमेंट बिहार' के शिक्षा और रोजगार मंत्री गगन गौरव ने कहा यह मनोनयन अनुचित ही नहीं असंवैधानिक भी है. क्या संविधान में यह प्रावधान सिर्फ इसलिए है कि आप पिछले दरवाजे से अपने मंत्रियों के पद बचा सके या विधान पार्षद की सीट देकर एक सत्ताधारी दल दूसरे दल को अपने में विलय करा सके? शैडो गवर्नमेंट के नगर विकास मंत्री नीरज सिंह ने कहा महामहिम को महाराष्ट्र के राज्यपाल द्वारा समान परिस्थितियों में लिया गया निर्णय मिसाल के तौर पर लेना चाहिए. संसदीय कार्य मंत्री श्री सुनील सिन्हा ने कहा शैडो गवर्नमेंट बिहार ने दिसंबर माह में ही राज्यपाल महोदय को सही सही मनोनयन के लिए कहा था. पर नतीजा बेअसर रहा. हमने पुनः महामहिम को इस मनोनयन पर विचार करने को कहा है. श्री पुरुषोत्तम ने नैतिकता और संवैधानिक प्रावधानों के सही व्याख्या को लोकतंत्र के लिए अनिवार्य बतलाया. मौके पर शिक्षा मंत्री अमित विक्रम और कानून मंत्री राजेश कुमार ने भी अपने विचार रखें. शैडो गवर्नमेंट बिहार इस मनोनयन का विरोध करती है. हम लोग शीघ्र ही सभी मनोनीत सदस्यों की विस्तृत जानकारी आरटीआई एवं अन्य माध्यमों से जुटाएंगे एवं आवश्यकता पड़ने पर न्यायालय में भी जाएंगे.
बुधवार, 24 मार्च 2021
बिहार : शैडो गवर्नमेंट बिहार इस मनोनयन का विरोध करेंगे
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