उदयपुर के विरासतों से परिचय के लिए चलाएंगे एक साल का अभियान - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 2 मार्च 2021

उदयपुर के विरासतों से परिचय के लिए चलाएंगे एक साल का अभियान

जनजातीय संग्राहलय में आयोजित हुआ ‘कथा उदयपुर’

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भोपाल - अक्सर हमारे आस-पास बहुत सी चीजें, महत्त्वपूर्ण घटनाएं घट जाती हैं मगर हम उन्हें देख और समझ ही नहीं पाते हैं. इसी तरह हमारे अपने प्रदेश और शहर की धरोहरों से भी अपरिचित से रहते हैं. यह बात मध्यप्रदेश के राज्य सूचना आयुक्त एवं वरिष्ठ पत्रकार विजय मनोहर तिवारी ने जनजातीय संग्राहलय में आयोजित ‘कथा उदयपुर’ के दौरान कही. बीते दिनों विजय मनोहर तिवारी और डॉ सुरेश मिश्र के प्रयासों से विदिशा जिले के उदयपुर के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को लेकर बड़ी जाग्रति आई है. विजय मनोहर तिवारी ने बताया कि  जब मैं और सुरेश जी उदयपुर मंदिर दर्शन के लिए गए तो वहां से वापस आते समय हमने जो कुछ देखा और कार्य किया वही आज आप सभी के सामने इस प्रेजेंटेशन के रूप में रख रहे हैं. इन सब के बाद हमने तय किया है कि ऐसी जगहों पर हेरिटेज वॉक के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे, जो हमारे बीच में ही मौजूद हैं मगर उनसे हम सभी अपरिचित हैं.


उदयपुर की सांस्कृतिक जाग्रति है उद्देश्य

पिछले महीने विदिशा के उदयपुर में अनेक धरोहरों पर विजय मनोहर तिवारी की एक फेसबुक पोस्ट पर अतिक्रमण के खिलाफ एक जनअभियान की शुरुआत हुई थी. जिसकी कारण न सिर्फ वो स्थान अतिक्रमण से मुक्त हुए बल्कि सरकार और पुरातत्व विभाग ने उन्हें  अपने संरक्षण में ले लिया है. इसी संगोष्ठी में इस अभियान के दौरान विजय मनोहर तिवारी का मार्गदर्शन कर रहे इतिहासकार सुरेश मिश्र ने कहा कि इस कार्य में एक नागरिक और इतिहासकार की नजर से मेरा काफी अच्छा अनुभव रहा. इस कार्य के बाद एक बाद स्पष्ट हो गई है कि अपनी संस्कृति , धरोहर और साझी विरासत की रक्षा के लिए नागरिकों को भी जागरूक होना होगा. इसी दौरान इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (INTACH) के भोपाल कन्विनर मदनमोहन उपाध्याय ने कहा की INTACH के विशेषज्ञों  की टीम लगातार उदयपुर जाकर वहाँ की प्रत्येक इमारत  की मैपिंग करेगी और साथ ही विस्तृत अध्ययन का काम भी करेगी और यह कार्य कई महीनो तक सतत जारी रहेगा   कार्यक्रम में भोपाल एवं विदिशा के नागरिकों समेत पद्मश्री डॉ कपिल तिवारी , पद्मश्री विजयदत्त श्रीधर, पुरातत्ववेत्ता नारायण व्यास समेत समाज के अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे, जिन्होंने इस अभियान में अपनी सक्रिय भागीदारी देने का आश्वासन दिया.

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