छत्तीसगढ़ सरकार ने ‘छत्तीसगढ़ वीरनी पुरस्कार’की घोषणा की - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 10 मार्च 2021

छत्तीसगढ़ सरकार ने ‘छत्तीसगढ़ वीरनी पुरस्कार’की घोषणा की

  • · छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए विभिन्न  कार्यक्रमों की श्रृंखला की  शुरूवात
  • · छत्तीसगढ़ वीरनी पुरस्कार द्वारा न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि अन्य भारतीय राज्यों की महिलाओं को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा
  • · महिलाओं के लिए लाभदायक कार्यक्रम और नीतियां न केवल महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था, समाज, परिवारों और संस्कृति के लिए भी महत्वपूर्ण हैं  : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
  • · राज्य के सभी नगर निगमों में एक सुसज्जित पिंक रूम होगा (जहाँ महिलाएँ अपने बच्चों को स्तनपान करा सकेंगी)
  • · छत्तीसगढ़ में  माता कौशल्या मातृ वंदन योजना के तहत अब दूसरी बेटी के जन्म पर भी पांच हज़ार  रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
  • ·  डायल 112 के साथ-साथ महिलाओं के लिए अलग से हेल्प लाइन नंबर होगा जारी

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नई दिल्ली : छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य स्तरीय महिला सम्मेलन  का आयोजन कर राज्य में चल रहे  महिला केंद्रित कई योजनाओं और इस वर्ष से चलने वाली कई अन्य परियोजनाओं पर  विस्तृत जानकारी दी है। सरकार ने छत्तीसगढ़ और पूरे भारत में महिलाओं के योगदान को मान्यता देने और सम्मानित करने के लिए छत्तीसगढ़ वीरनी पुरस्कारों की भी घोषणा की है। छत्तीसगढ़ वीरनी पुरस्कार उन महिलाओं को दिया जाएगा जिन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य में और देश भर में अपने उल्लेखनीय कार्यों से मिसाल कायम की हैं, वे महिलायें जिन्होंने अपने चुने हुए क्षेत्र ख्याति प्राप्त कर अन्य महिलाओं को भी कुछ करने के लिए प्रेरित किया हो उन्हें इस पुरस्कार से नवाजा जायेगा। इस पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा 21 मार्च को की जाएगी और पुरस्कार समारोह 28 मार्च को होगा। महिलाओं से संबंधित मुद्दों पर छत्तीसगढ़ सरकार ने पुरे वर्ष के लिए योजना बनाई है, विभिन्न क्षेत्रों जैसे: रोजगार और रोजगार क्षमता; समान अधिकार; स्वयं सहायता समूहों के साथ महिलाओं को जोड़ना; सुरक्षा; स्कूलों में उचित स्वच्छता; सैनिटरी पैड मशीनों की स्थापना; बंद पड़ गये मशीनों को फिर से प्रारंभ करवाना, वृद्ध महिलाओं के लिए पेंशन; कामकाजी महिलाओं  के लिए उनके कार्यस्थल के पास उनके  बच्चों के लिए डे केयर सुविधा ; महिलाओं के लिए विशेष कौशल विकास स्कूल; पुलिस स्टेशनों पर महिलाओं के लिए विशेष हेल्प डेस्क।


छत्तीसगढ़ सरकार महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और आत्मनिर्भरता के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार ने 12 वीं तक की लड़कियों और लड़कों के लिए मुफ्त शिक्षा का प्रावधान किया है। स्वामी आत्मानंद के नाम पर  इस साल 52 अंग्रेजी माध्यम स्कूल शुरू किए गए हैं, और 2021-22 के बजट में, 119 अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के लिए प्रावधान किया गया है। निकट भविष्य में, प्रत्येक विकास खंड मुख्यालय में अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले जाएंगे, ताकि विकास खंड में लड़कियों और युवा महिलाओं को अंग्रेजी माध्यम शिक्षा सुविधाएं प्रदान की जा सकें। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा “छत्तीसगढ़ सरकार ने छत्तीसगढ़ को एक ऐसा  मजबूत राज्य  बनाने का संकल्प लिया है, जहाँ महिलाएँ स्वतंत्र, सशक्त, यशस्वी  हों,महिलायों को केवल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस जैसे महत्वपूर्ण दिन ही याद नही किया जाए बल्कि हर एक साल के  हर एक दिन  याद किया जाय । हमारी सरकार ने महिलाओं के सशक्तीकरण पर केंद्रित विभिन्न कार्यक्रमों और नीतियों को शिक्षा, संसाधनों और अधिकारों के माध्यम से लागू किया है।  हम महिलाओं के लिए इन कार्यक्रमों और नीतियों के अलावा अन्य क्षेत्रों  में भी नीतियां बनाते समय महिलाओं के हितों को ध्यान में रखेंगे। यह न केवल छत्तीसगढ़ में महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण होगा  बल्कि अर्थव्यवस्था, समाज, परिवारों और राज्य की संस्कृति के समग्र विकास के लिए भी महत्वपूर्ण होगा और राज्य विकास की नई  ऊंचाइयां प्राप्त कर सकेगा”। महिलाओं के प्रति इस विश्वास और प्रतिज्ञा को चिन्हित कर हमारा प्रयास है कि  छत्तीसगढ़ में उल्लेखनीय योगदान देने वाली बहादुर महिलाओं को पहचान और सम्मानित करें और हमें गर्व है कि हमने "छत्तीसगढ़ वीरनी पुरस्कार" की घोषणा की है।" राज्य सरकार महिलाओं को बेहतर पोषण और स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए कई योजनाएं चला रही है। मुख्यमंत्री पोषण अभियान के कारण एनीमिया से पीड़ित बीस हजार महिलायें स्वस्थ हुई हैं। इस अभियान के माध्यम से, एक वर्ष में 99000 बच्चों को कुपोषण से मुक्त किया गया है। मुख्मंत्री हाट-बाज़ार क्लिनिक योजना, शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना और दाई-दीदी क्लिनिक योजना के माध्यम से महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल रहा है। दाई-दीदी क्लिनिक योजना के तहत, डॉक्टर सहित पूरा स्टाफ महिला है, ताकि महिलाएं अपनी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर चर्चा करने में सहज हों।


महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए 20 लाख महिलाओं को स्व सहायता समूहों से जोड़कर उन्हें रोजगार और आय के साधन उपलब्ध कराए गए हैं। गौठानों में महिलाएं वर्मी कंपोस्ट बनाने के साथ कई आर्थिक गतिविधियां संचालित कर रही हैं, लघु वनोपजों के संग्रहण से भी उनकी आमदनी हो रही है। पूर्व में समर्थन मूल्य पर केवल 07 प्रकार के लघु वनोपजों की खरीदी होती थी, अब इनकी संख्या बढ़ाकर 52 कर दी गई है, इससे भी महिलाओं की आमदनी में बढ़ोतरी हुई है। महिलाएं झाड़ू निर्माण, लाख, कोदो-कुटकी प्रसंस्करण, शहद उत्पादन जैसे विभिन्न कुटिर उद्योगों का भी संचालन कर रही हैं। दंतेवाड़ा में डेनेक्स ब्रांड से ग्रामीण महिलाओं ने रेडिमेड गारमेंट फैक्टरी प्रारंभ की है। नक्सल पीडि़त अंदरुनी क्षेत्रों की महिलाएं भी सिलाई का प्रशिक्षण लेकर इस फैक्टरी में काम कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के लिए सभी नगर निगमों में सर्वसुविधायुक्त पिंक रूम बनाए जाएंगे, जहां महिलाएं साथ आए बच्चों की सहेज-संभाल करने के साथ-साथ उन्हें स्तनपान भी करा सकेंगी। श्री बघेल ने कहा कि आपात स्थिति में महिलाओं समेत कोई भी नागरिक वर्तमान में जारी 112 डायल सुविधा के माध्यम से पुलिस की सहायता प्राप्त कर सकता, लेकिन अब महिलाओं के लिए अलग से भी डायल नंबर जारी किया जाएगा, ताकि पुलिस इस नंबर पर आने वाले कॉल पर और भी तत्परता के साथ कार्यवाही कर सके। छत्तीसगढ़ में पंचायती राज संस्थाओं में महिलाएं उनको मिले 50 प्रतिशत आरक्षण से ज्यादा संख्या में चुनकर आ रही हैं। छत्तीसगढ़ विधानसभा में 14 महिला विधायक हैं। देश की विधानसभाओं में सबसे ज्यादा महिलाओं का प्रतिनिधित्व छत्तीसगढ़ विधानसभा में है। छत्तीसगढ़ की पहली महिला सांसद मिनी माता थीं, जिन्होंने संसद में अस्पृश्यता कानून पारित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रायपुर के मेयर, ऐजाज ढेबर ने कहा, “जब हम रायपुर को एक स्मार्ट शहर के रूप में सोचते हैं, तो यह सोच इस समझ के साथ मिलती है कि एक स्मार्ट शहर तब तक बेकार है जब तक कि यह महिलाओं के लिए सुरक्षित और सशक्त न हो। हमने इस उद्देश्य के लिए कई उपाय किए हैं और अपनी नीतियों और कार्यों को निर्धारित करते समय महिलाओं की जरूरतों को दृढ़ता से ध्यान में रखते हुए ऐसा करना जारी रखेंगे। यह विचार इन विचारों के साथ है कि हमारी सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर, 8 मार्च, 2021 को, छत्तीसगढ़ और भारत की बहादुर महिलाओं को सम्मानित करने के लिए छत्तीसगढ़ वीरनी पुरस्कारों की घोषणा की, और हम हमेशा  समाज में महिलाओं के योगदान के लिए ऋणी रहेंगे। ”

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