फादर मथियस डोल्फी और फादर लौरेंस साह ने सम्मानित किया - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 8 मार्च 2021

फादर मथियस डोल्फी और फादर लौरेंस साह ने सम्मानित किया

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चेलिडंगा. आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया.वैश्विक कोरोना काल का गाइडलाइन को पालन कर दिवस संत जोंस चर्च में मनाया गया.संत जोंस पल्ली का पल्ली पुरोहित मथियस डोल्फी ने दिवस को और अधिक यादगार व विशेष बनाने का काम कर किया है.पल्ली पुरोहित मथियस डोल्फी ने चर्च में आने वाले खास से आम महिलाओं को सम्मानित करने की व्यवस्था कर दी थी. बताया जाता है कि जो लोग अपने-अपने घरों से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने आएं थे.सब के सब मास्क पहनकर आए थे.चर्च में जाने वाली महिलाओं को सुश्री वर्षा मार्सेल ने टीका लगाकर सम्मानित किया. इसके बाद मिस्सा पूजा की गयी. संत जोन चर्च चेलिडंगा, आसनसोल के पल्ली पुरोहित फादर मथियस डोल्फी मुख्य अनुष्ठानकर्ता थे.उनके साथ  चेलिडंगा के धरती पुत्र फादर लौरेंस साह सहयोगी की भूमिका में थे.प्रथम पाठ रेश्मी हेनरी ने पढ़ी. इस अवसर पर कहा गया कि कोरोना काल में महिला दिवस के मौके पर अपनी रिश्तेदारों, सहेलियों और सहयोगी महिलाओं को शुभकामना संदेश भेजने के साथ ही कार्ड, चॉकलेट, फूल और अन्य उपहार देने की तैयारियां जोरों पर हैं. हालांकि इस बात से बहुत ज्यादा लोग वाकिफ नहीं हैं कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस आखिर क्यों और कब से मनाया जाता है. दरअसल साल 1908 में एक महिला मजदूर आंदोलन की वजह से महिला दिवस मनाने की परंपरा की शुरूआत हुई. इस दिन 15 हजार महिलाओं ने नौकरी के घंटे कम करने, बेहतर वेतन और कुछ अन्य अधिकारों की मांग को लेकर न्यूयार्क शहर में प्रदर्शन किया था. एक साल बाद सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने इस दिन को पहला राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित किया.1910 में कोपेनहेगन में कामकाजी महिलाओं का एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन हुआ, जिसमें इस दिन को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के तौर पर मनाने का सुझाव दिया गया और धीरे-धीरे यह दिन दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में लोकप्रिय होने लगा. इस दिन को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मान्यता 1975 में मिली, जब संयुक्त राष्ट्र ने इसे एक थीम के साथ मनाने की शुरूआत की. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित मिस्सा की समाप्ति पर फादर मथियस डोल्फी और फादर लौरेंस साह ने रेड रोज देकर सम्मानित किया.     

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