पटना : बिहार में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर राज्य चुनाव आयोग लगातार तेजी से काम कर रहा है। इस बीच आयोग ने पंचायत चुनाव को लेकर नई गाइडलाइन जारी कर दी है। नई गाइडलाइन के अनुसार बिहार में प्रमंडल वार्ड पंचायत चुनाव के तहत 1 जिले की सभी पंचायतों में एक ही दिन पंचायत चुनाव कराने पर विचार किया जा रहा है। एक जिले में किसी भी स्थिति में चुनाव के लिए दो तिथि निर्धारित नहीं होगी। इसके साथ ही तीन-चार प्रमंडल की तीन चार जिलों में एक ही साथ चुनाव संपन्न कराया जा सकते हैं।बूथों की संख्या और जिलों के लिए ईवीएम की उपलब्धता के आधार पर इसका निर्धारण किया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार विधानसभा चुनाव में तैयार डाटाबेस का ही इस्तेमाल किया जाएगा यानी पंचायत चुनाव में मतदान कर सकेंगे विधानसभा चुनाव में ड्यूटी कर चुके हैं। गाइडलाइन के तहत केन्द्र या राज्य या किसी स्थानीय प्राधिकार से पूर्णत: या आंशिक वित्तीय सहायता प्राप्त करनेवाले शैक्षणिक व गैरशैक्षणिक संस्थाओं में कार्यरत या पदस्थापित या प्रतिनियुक्त पदाधिकारी, शिक्षक, प्रोफेसर व शिक्षकेत्तर कर्मचारी प्रस्तावक नहीं बन सकेंगे। इसके साथ ही आंगनबाड़ी सेविका, विशेष शिक्षा परियोजना, साक्षरता अभियान व विशेष शिक्षा केन्द्रों में मानदेय पर कार्यरत अनुदेशक के भी प्रस्तावक बनने पर रोक लगायी गई है। इसके अलावा पंचायत शिक्षा मित्र, न्याय मित्र,विकास मित्र, मानदेय पर कार्यरत दलपति व होमगार्ड भी इसमें शामिल है। इसके अलावा सरकारी अधिवक्ता जीपी व लोक अभियोजक पीपी भी प्रस्तावक नहीं बन सकेंगे। आयोग ने कहा कि उपर्युक्त व्यक्ति अगर प्रस्तावक होगे तो वैसे अभ्यर्थी का नामांकन रद्द हो जायेगा। ज्ञात हो कि पंचायत चुनाव के तहत जिले में 18 लाख मतदाता जिला परिषद, मुखिया, पंचायत समिति, सरपंच, ग्राम पंचायत सदस्य एवं ग्राम कचहरी के सदस्यों का चयन करेंगे।
मंगलवार, 2 मार्च 2021
बिहार : पंचायत चुनाव में प्रस्तावकों को लेकर निर्देश जारी
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