रेलवे का निजीकरण नहीं होगा : रेल मंत्री - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 17 मार्च 2021

रेलवे का निजीकरण नहीं होगा : रेल मंत्री

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नयी दिल्ली, 17 मार्च, रेलवे के निजीकरण की विपक्ष की आशंकाओं को खारिज करते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि रेलवे देश की संपत्ति है और उसका कभी निजीकरण नहीं होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रेलवे के विकास के लिए सरकारी निवेश पर्याप्त नहीं है और निजी क्षेत्र के निवेश से विकास की गति तेज होगी। गोयल ने रेल मंत्रालय के कामकाज पर उच्च सदन में हुयी चर्चा का जवाब देते हुए यह टिप्पणी की। इससे पहले चर्चा में कई विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया था कि सरकार रेलवे के निजीकरण की दिशा में आगे बढ़ चुकी है और उसका पूरा जोर सरकारी संपत्तियों को बेचने पर है। कांग्रेस सदस्य नारण भाई जे राठवा ने आरोप लगाया कि सरकार रेलवे का निजीकरण करने पर तुली हुयी है और देश में पहली निजी क्षेत्र तेजस एक्सप्रेस की शुरुआत भी हो गयी। उन्होंने दावा किया कि 109 मार्गों पर यात्री ट्रेनें चलाने के लिए निजी क्षेत्र को आमंत्रित किया गया है। आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने कहा कि सरकार कहती है कि रेलवे का निजीकरण नहीं किया जाएगा। फिर 109 प्रमुख मार्गों पर 150 नयी ट्रेनें निजी भागीदारी से चलाने का फैसला कैसे किया गया। रेल मंत्री गोयल ने विपक्ष की आशंका को खारिज करते हुए कहा कि रेलवे का कोई निजीकरण नहीं किया जा रहा है और कोई ऐसा कर भी नहीं सकता। उन्होंने कहा कि निजी निवेश से सेवाएं बेहतर हो सकेंगी और नौकरियों के नए अवसर भी पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि देश में सड़कें बनती हैं और वे सड़कें देश की तथा सरकार की होती हैं लेकिन क्या उस पर केवल सरकारी गाड़ियां ही चलती हैं। उन्होंने कहा कि सड़कों पर सभी तरह के वाहन चलते हैं तभी प्रगति होती है।

गोयल ने कहा कि रेलवे में भी ऐसा हो सकता है और रेल पटरियों पर अच्छी ट्रेनों के चलने से लोगों की यात्रा सुखद होगी। उन्होंने कहा कि देश में अभी तीन और माल ढुलाई गलियारों के निर्माण की जरूरत है। इसके लिए भारी निवेश की जरूरत होगी। ऐसे में निजी निवेश से परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी आएगी और अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। इस क्रम में उन्होंने हबीबगंज रेलवे स्टेशन का जिक्र करते हुए कहा कि वहां निजी क्षेत्र ने 100 करोड़ रुपये का निवेश किया है और कंपनी ने यात्रियों को सुविधाएं देने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि इसका अर्थ रेलवे स्टेशन को बेच नहीं दिया गया है। गोयल ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान 64 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक को श्रमिक ट्रेनों के जरिये उनके घरों तक सुरक्षित पहुंचाया गया। उन्हें श्रमिक ट्रेनों में निशुल्क भोजन एवं पानी उपलब्ध कराया गया। रेल मंत्री ने कहा कि महामारी के दौरान 43 मार्गों पर 4600 मार्गों पर श्रमिक ट्रेनें चलायी गयीं। मंत्री ने कहा कि पिछले सात वर्षों में इस सरकार के तहत रेलवे के विस्तार की दिशा में अभूतपूर्व काम किये गए। गोयल ने कहा कि पिछले साल सितंबर से इस साल फरवरी तक छह महीने में देश में रेलवे ने हर महीने जितनी माल ढुलाई की है, वह भारतीय रेल के इतिहास में सर्वाधिक है। कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए गोयल ने कहा कि सस्ती लोकप्रियता के लिए घोषणाएं कर दी जाती थीं लेकिन उसके लिए जरूरी तैयारियां तक नहीं की जाती थीं। रेल मंत्री ने कहा कि घोषणाएं हो जाती थीं, लेकिन जमीन और मंजूरी नहीं होती थी। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में एक परियोजना 1974-75 में घोषित हुयी थी जिसमें 110 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बननी थी। लेकिन आज तक सिर्फ 42 किलोमीटर लाइन ही बन सकी और शेष हिस्से के लिए जमीन ही नहीं मिली।


उन्होंने सदन को बताया कि 2009-10 और 2010-11 में पश्चिम बंगाल के लिए कई रेल परियोजनाओं की घोषणा की गईं, लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए राशि का आवंटन नहीं किया गया। अब उसके लिए रेलवे को जमीन नहीं मिल रही है। गोयल ने कहा कि अगर राज्य सरकारें जमीन सहित अन्य क्षेत्रों में सहयोग करें तो रेल परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जा सकता है। गोयल ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना का उल्लेख करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में जमीन सिर्फ 24 फीसदी उपलब्ध हुई। अगर महाराष्ट्र सरकार जमीन उपलब्ध करा दे तो यह काम जल्द पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कश्मीर में रेल मार्ग के निर्माण का उल्लेख करते हुए कहा कि बनिहाल-कटरा रेल मार्ग के अगले ढाई साल में पूरा हो जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि 2004-09 के बीच रेलवे में हर वर्ष औसतन 25 हजार करोड़ का निवेश हुआ और 2009-14 के बीच हर वर्ष औसतन 45 हजार करोड़ का निवेश हुआ। गोयल ने कहा कि सरकार ने कोविड के समय कई ऐसी परियोजनाओं को पूरा किया जो पूरी नहीं हो पा रहीं थीं और जिनके लिए रेल यातायात को बंद करना पड़ता था। रेलवे में सुरक्षा को प्राथमिकता बताते हुए मंत्री ने कहा कि पिछले दो साल में रेलवे दुर्घटनाओं में एक भी यात्री की मृत्यु नहीं हुई। कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन लगने के बाद देश में बंद की गयी रेल सेवाओं को बहाल किए जाने के संबंध में रेल मंत्री ने बताया कि देश में लगभग 80 प्रतिशत मेल व एक्सप्रेस सेवाएं शुरू हो चुकी हैं और करीब 90 प्रतिशत उपनगरीय ट्रेनें भी शुरू हो चुकी हैं। उन्होंने किसानों की सहायता के लिये किसान रेल शुरू किये जाने का जिक्र करते हुए कहा कि अब तक 377 किसान ट्रेन चल चुकी हैं और सवा लाख टन कृषि उत्पादों की ढुलायी की गयी। गोयल ने कहा कि हमारा संकल्प है कि भारतीय रेल का सफर हवाई जहाज से अच्छा हो और यात्री समय से अपने गंतव्य पर पहुंचें तथा उन्हें यात्रा में कम समय लगे।





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