पटना, 20 मार्च। बिहार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री नीरज कुमार सिंह ने लोगों खासकर युवाओं से गौरैया संरक्षण के लिए पहल करने की अपील करते हुए कहा कि उनका विभाग ऐसे लोगों को पुरस्कृत करेगा । श्री सिंह ने ‘विश्व गौरैया दिवस’ के अवसर पर शनिवार को पटना चिड़ियाघर में आयोजित ‘हमारी गौरैया,प्यारी गौरैया’ कार्यक्रम के दौरान पत्र सूचना कार्यालय पटना के सहायक निदेशक संजय कुमार की 'गौरैया फोटो प्रदर्शनी' और पटना काॅलेज के पर्यावरण योद्धाओं की 'नेस्ट-दाना-पानी प्रदर्शनी' को देखने के बाद वहां उपस्थित बच्चों से कहा कि वे अपने घर पर गौरैया को बुलाने की पहल करें और अगले साल उसकी फोटो लेकर आएंगे तो विभाग उन्हें पुरस्कृत करेगा। मंत्री ने कहा, “गौरैया को बचाना है तो पर्यावरण की रक्षा जरूरी है। प्रदूषण के कारण धीरे-धीरे गौरैया की संख्या घटती जा रही है और यदि हम सचेत नहीं हुए तो वह हमारी यादों से भी दूर हो जाएगी।” उन्होंने कहा कि गौरैया को बचाने के लिए पेड़ पौधों को लगाना होगा। जब स्वस्थ पर्यावरण होगा तभी जीवन बरकरार रहेगा । कार्यक्रम के दौरान गौरैया संरक्षण के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री ने संजय कुमार को शॉल और मोमेंटों देकर सम्मानित किया। इस मौके पर पटना काॅलेज के निशांत रंजन की पर्यावरण योद्धाओं की टीम की 'नेस्ट-दाना-पानी प्रदर्शनी' के दौरान मंत्री ने नि:शुल्क नेस्ट वितरित किया। वर्ष 2007 से गौरैया संरक्षण से जुड़े और पीआईबी पटना के सहायक निदेशक संजय कुमार ने अपने अनुभव को साझा करते हुये बताया कि भले ही गौरैया विलुप्ति के कगार पर अभी नहीं है लेकिन यही हालात रहे तो इसकी संख्या चिंताजनक यानी रेड जोन में चली जाएगी। स्टेट ऑफ इंडियन्स बर्ड्स 2020, रेंज, ट्रेंड्स और कंजर्वेशन स्टेट्स के मुताबिक पिछले 25 साल से गौरैया की संख्या भारत में स्थिर बनी हुई है। श्री कुमार ने गौरैया को वापस बुलाने के लिए दाना-पानी नियमित रखने और बॉक्स लगाने की लोगों से अपील की। पर्यावरण,वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह,पटना ज़ू के निदेशक सत्यजीत सहित कई अधिकारियों और छात्रों ने प्रदर्शनी देखी।
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