बिहार : दवाइयों को ब्लैक से खरीदना पड़ रहा है - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 27 अप्रैल 2021

बिहार : दवाइयों को ब्लैक से खरीदना पड़ रहा है

  • ’आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत निजी अस्पतालों को सरकारी घोषित करे नीतीश सरकार,कोरोना का इलाज हो सभी बिहारवासियों के लिए निःशुल्क गुंजन पटेल’
  • ’जनता आपदा भी झेल रही है और आपदा से बचने का बोझ भी, जनता को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी’

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पटना 27 अप्रैल। बिहार में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए आज दिनांक 27 अप्रैल दिन मंगलवार को बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष गुंजन पटेल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत निजी अस्पतालों को सरकार के अधीनस्थ लेने की मांग की है।  उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना ने कहर बरपा रखा है। हर तरफ मातम का वातावरण है। संक्रमण तेजी से फैल रहा है। शासकीय अस्पतालों में सुविधाओं का अतिघोर अभाव है और निजी अस्पतालों का खर्च वहन करना सबकी बूते के बाहर की बात है। ऐसी स्थिति में हमारी मांग है कि निजी अस्पताल को आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत सरकार अपनी अधीनस्थ में ले और उपचार कराने वाले कोरोना मरीजों का पूरा खर्च राज्य शासन द्वारा वहन किया जाए। उन्होंने आगे बताया कि वर्तमान में राज्य में कोरोना का संक्रमण दूरस्थ गांवों तक फैल गया है। प्रतिदिन लगभग 12 हजार कोरोना संक्रमितों की पहचान हो रही है। सक्रिय मरीजों की संख्या एक लाख पहुंच चुकी है। जबकि आरटीपीसीआर टेस्टिंग किट के अभाव में ठीक से जांच नहीं हो पा रही है। ऐसी स्थिति में ऑक्सिजन से लेकर दवाइयों तक का अभाव है। एक ऑक्सिजन सिलिंडर 20 से 30 हजार रुपये में मिल रही है और वहीं दवाइयों को भी ब्लैक से खरीदना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में निजी अस्पतालों में इलाजरत मरीजों का खर्च 1.2 लाख रुपए से भी अधिक हो रहा है। जबकि बिहार के एक बड़े तबके की वार्षिक आय ही 1.2 लाख रुपए है। इस तरह से राज्य की जनता आपदा भी झेल रही है और आपदा से बचने का बोझ भी झेल रही है। यह बिहार की जनता के साथ अन्याय है।  गौरतलब है कि राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों में इलाज का व्यय निर्धारित कर लोगों को खुद ही निजी अस्पतालों में इलाज कराने के लिए मजबूर किया है। राज्य की जनता को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। अतः हमारा सरकार से निवेदन है कि कोरोना मरीजों के इलाज की राशि का भुगतान राज्य सरकार करे।

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