दिल्ली में एक सप्ताह का बढ़ा लाॅकडाउन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 25 अप्रैल 2021

दिल्ली में एक सप्ताह का बढ़ा लाॅकडाउन

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नयी दिल्ली, 25 अप्रैल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना के जारी कहर के मद्देनजर दिल्ली में लागू लाॅकडाउन को एक सप्ताह और बढ़ाने का निर्णय लिया है जो अगले सोमवार तीन मई की सुबह पांच बजे तक प्रभावी रहेगा। श्री केजरीवाल ने कहा कि जनता का भी यही मत है कि लाॅकडाउन बढ़ाया जाना चाहिए। छह दिनों के लिए लगाए गए लाॅकडाउन की अवधि कल सुबह पांच बजे खत्म हो रही है, जो अब अगले सोमवार (तीन मई) सुबह पांच बजे तक प्रभावी रहेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली को अब 490 टन ऑक्सीजन आवंटित कर दिया है, लेकिन आवंटित पूरी ऑक्सीजन नहीं पहुंच पा रही है, जो अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी का बहुत बड़ा कारण है। ऑक्सीजन के सही प्रबंधन के लिए मैन्युफैक्चरर्स, अस्पतालों और उपयोग कर्ताओं को दिल्ली सरकार के पोर्टल पर हर दो घंटे में अपनी ऑक्सीजन की स्थिति बताने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र और दिल्ली सरकार की टीमें मिल कर काम कर रही हैं और कोशिश की जा रही है कि सप्लाई में आने वाली दिक्कतों को दूर किया जा सके। उम्मीद करता हूं कि इतनी बड़ी इमरजेंसी से हम लोगों को जल्द छुटकारा मिलेगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से दिल्ली के अंदर तेजी से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, उसको देखते हुए यह लाॅकडाउन लगाना बहुत जरूरी हो गया था। कोरोना से निपटने के लिए यह एक तरह से आखरी हथियार है। जिस तरह से केस बढ़ रहे थे, यह आखरी हथियार इस्तेमाल करना बहुत जरूरी हो गया था। अभी भी कोरोना का कहर जारी है और कोरोना कम नहीं हो रहा है। इसीलिए इसके मद्देनजर हम लोगों ने जनता के बीच में भी जब बात करने की कोशिश की तो सबका मत यही है कि लॉकडाउन को अभी और बढ़ाना चाहिए। इसलिए दिल्ली के अंदर लाॅकडाउन को एक सप्ताह के लिए और बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान हमने देखा कि कोरोना का संक्रमण दर लगभग 36 से 37 फीसदी तक पहुंच गई। आज तक इतनी संक्रमण दर हमने दिल्ली में तो नहीं देखी, बाकी दुनिया भर में हो सकता है कि कहीं पर हुई हो। पिछले एक-दो दिन से संक्रमण दर थोड़ी सी कम हुई है। आज संक्रमण दर 30 के नीचे आई है। आज लगभग 29 पॉइंट कुछ आई है। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि कोरोना खत्म होने की दिशा में जा रहा है, लेकिन यह अभी तक के तथ्य हैं। अभी और कुछ दिन देखना पड़ेगा। हो सकता है कि बढ़ जाए या हो सकता है कम हो जाए, लेकिन हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि कोरोना से हम सभी लोगों को मुक्ति मिले। श्री केजरीवाल ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से हम देख रहे हैं कि दिल्ली में ऑक्सीजन की काफी ज्यादा समस्या हो रही है। दिल्ली में ऑक्सीजन की काफी कमी महसूस हो रही है। दिल्ली की इस वक्त जरूरत 700 टन की है और हमें केंद्र सरकार से 480 टन ऑक्सीजन आवंटित हुई है। केंद्र सरकार ने कल 10 टन ऑक्सीजन आवंटित किया है और अब दिल्ली को 490 टन ऑक्सीजन आवंटित हुई है, लेकिन केंद्र सरकार से आवंटित की गई पूरी ऑक्सीजन भी अभी दिल्ली में नहीं आ रही है। इस वजह से भी ऑक्सीजन की किल्लत हो रही है। कल 330 से 335 टन ऑक्सीजन ही दिल्ली पहुंची है। कोरोना की महामारी में दिल्ली को 700 टन ऑक्सीजन की जरूरत है, उसके मुकाबले में 330 से 335 टन ऑक्सीजन ही पहुंच रही है। जगह-जगह से जो ऑक्सीजन आनी है, वह ऑक्सीजन दिल्ली के अंदर पहुंच नहीं रही है। दिल्ली में जगह-जगह अस्पतालों में ऑक्सीजन की जो कमी महसूस हो रही है, उसका यह बहुत बड़ा कारण है।


उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ दिनों से हमारे अधिकारी, हमारे सभी मंत्री और सभी लोग रात-रात भर एक-एक अस्पताल में जहां-जहां ऑक्सीजन की कमी हुई, वहां ऑक्सीजन के आपूर्तिकर्ता से, मैन्युफैक्चरर्स से, ट्रक ड्राइवर से फोन करके कोशिश कर रहे हैं कि समय पर अस्पताल में ऑक्सीजन पहुंचे। मैं यह नहीं कहूंगा कि सारी कोशिशें कामयाब रही हैं। हम लोग कई जगह असफल भी हुए और कई जगह समय पर ऑक्सीजन पहुंचाने में हमारी टीम कामयाब भी हुई। रात-रात भर काम करके अस्पतालों तक ऑक्सीजन पहुंचाने की जो लोग भी कोशिश कर रहे हैं, मैं उन सबका धन्यवाद करना चाहता हूं कि इतने मुश्किल समय में इतनी मेहनत कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि ऑक्सीजन इतनी इस वक्त कीमती है और इतनी कम है तो उसका मैनेजमेंट करना बहुत जरूरी है। इसलिए उसका मैनेजमेंट करने के लिए भी कल से ठोस कदम उठाना चालू किया है। हमने एक पोर्टल बनाया है और आर्डर जारी कर दिए गए हैं, जिसमें हर 2-2 घंटे में मैन्युफैक्चरर्स से लेकर, अस्पताल और उपयोग करने वाले तक, हर एक को 2-2 घंटे के अंदर अपनी ऑक्सीजन की स्थिति बतानी पड़ेगी। अब मैन्युफैक्चरर्स को बताना पड़ेगा कि पिछले दो घंटे के अंदर उनके यहां से कितने ट्रक निकले। इसी तरह सप्लायर को बताना पड़ेगा कि उसके कितने ट्रक दिल्ली की तरफ जा रहे हैं। अस्पतालों को भी बताना पड़ेगा कि पिछले दो घंटे में ऑक्सीजन कितनी इस्तेमाल हो गई और कितनी बच गई है, ताकि दिल्ली सरकार को पता रहे कि कहां पर ऑक्सीजन की कमी आने वाली है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से काफी सहयोग मिल रहा है। कल भी पूरा दिन केंद्र सरकार के अलग-अलग मंत्रालयों के साथ हमारे अधिकारियों की टीम बैठी रही। केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार की दोनों टीमें मिल कर अच्छे से काम कर रही हैं और कोशिश की जा रही है कि जो भी सप्लाई आने में दिक्कत हो रही है, उसको दूर किया जा सके। मैं समझता हूं कि आने वाले कुछ दिनों के अंदर यह जो बहुत ज्यादा अफरा-तफरी का आलम है, यह ठीक हो जाना चाहिए। केंद्र सरकार से तो हमें मदद मिल ही रही है और भी जहां से भी हम लोगों को ऑक्सीजन मिल सके, ऑक्सीजन के टैंकर मिल सके, पूरे देश से और दुनिया भर से हम प्राप्त करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। कल देश के सभी मुख्यमंत्रियों को मैंने चिट्ठी लिखी है कि अगर आपके आपके राज्य में या किसी कंपनी में कोई ऑक्सीजन की संभावना हो, तो हमें ऑक्सीजन टैंकर मुहैया कराइए। कुछ एक राज्यों के साथ बातचीत भी शुरू हुई है। जब भी कुछ ठोस नतीजे आएंगे, मैं जरूर बताऊंगा, लेकिन बहुत ज्यादा कठिन परिस्थिति है। इन कठिन परिस्थितियों के अंदर सब मिलकर काम कर रहे हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि यह जो इतनी बड़ी इमरजेंसी बन गई है, इससे हम लोगों को जल्द छुटकारा मिलेगा।

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