कोच्चि, 16 अप्रैल, केरल उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को राज्य सरकार को झटका देते हुए राज्य पुलिस द्वारा प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के खिलाफ दर्ज दो प्राथमिकी खारिज कर दीं। राज्य पुलिस ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर सोना तस्करी मामले में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के खिलाफ बयान देने के लिए मुख्य आरोपियों पर दबाव डालने का आरोप लगाते हुए ये प्राथमिकी दर्ज की थी। अदालत ने प्राथमिकी खारिज कर दीं और प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों द्वारा सबूत से छेड़छाड़ करने की उनकी शिकायतों पर कहा कि पुलिस को विशेष पीएमएलए अदालत से संपर्क करना चाहिए जो सोना तस्करी मामले में धन के लेन-देन से संबंधित मामलों पर विचार करती है। अदालत ने जांच अधिकारियों को पीएमएलए अदालत में एक बंद लिफाफे में सभी सूचनाएं देने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति वी जी अरुण ने ईडी कोच्चि जोन के उपनिदेशक पी राधाकृष्णन द्वारा दायर दो अर्जियों पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया। याचिकाओं में अपराध शाखा द्वारा दर्ज दो प्राथमिकियों को चुनौती दी गयी थी। अपराध शाखा ने सोना तस्करी के मामले में आरोपी स्वप्ना सुरेश के कथित ऑडियो क्लिप के आधार पर यह प्राथमिकी दर्ज की थी जिसमें आरोपी को मामले में मुख्यमंत्री को घसीटने के लिए दबाव डाला जा रहा था। तस्करी मामले में स्वप्ना के सह-आरोपी संदीप नायर द्वारा कथित रूप से लिखे पत्र में ऐसा ही आरोप लगाया गया था। स्वप्ना यहां संयुक्त अरब अमीरात के वाणिज्य दूतावास की पूर्व कर्मचारी हैं और राजनयिकों के सामान में 14.82 करोड़ रुपये मूल्य का 30 किलोग्राम सोना तस्करी करने के मामले में मुख्य आरोपी हैं। मामले में ईडी के अलावा सीमा शुल्क विभाग और राष्ट्रीय जांच एजेंसी भी जांच कर रही है।
शुक्रवार, 16 अप्रैल 2021

सोना तस्करी मामले में ईडी के अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी खारिज
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