शास्त्रीय गायक पद्म भूषण पंडित राजन मिश्र नहीं रहे - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 26 अप्रैल 2021

शास्त्रीय गायक पद्म भूषण पंडित राजन मिश्र नहीं रहे

pandit-rajan-mishr-died-from-covid
नयी दिल्ली 25 अप्रैल, बनारस घराने के महान शास्त्रीय गायक बंधु पंडित राजन- साजन मिश्र की जोड़ी में बड़े भाई पंडित राजन मिश्र का रविवार को यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। खबर है कि इसी जोड़ी के छोटे भाई पंडित साजन मिश्र भी कोरोना से पीड़ित हैं और इलाज के लिए संघर्ष कर रहे हैं। पंडित राजन मिश्र 70 वर्ष के थे। उनके करीबी सूत्रों के अनुसार पंडित राजन मिश्र कोरोना से पीड़ित थे और राजधानी के सेंट स्टीफेंस अस्पताल में उन्हें आज ही भर्ती कराया गया था। बताया गया है कि उनका निधन देर शाम दिल का दौरा पड़ने से हुआ। सूत्रों से यह भी पता चला उनके छोटे भाई पंडित साजन मिश्र भी कोरोना से पीड़ित हैं। अंतिम समाचार मिलने तक उसी अस्पताल में बिस्तर मिलने के लिए संघर्ष कर रहे थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। श्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, “शास्त्रीय गायन की दुनिया में अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले पंडित राजन मिश्र जी के निधन से अत्यंत दुख पहुंचा है। बनारस घराने से जुड़े मिश्र जी का जाना कला और संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति!” भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और केन्द्र सरकार में सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी पंडित राजन मिश्र के निधन पर शोक जताया है। ख्‍याल शैली के प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित राजन मिश्र को वर्ष 2007 में पद्म भूषण से अलंकृत किया गया था। पंडित राजन और पंडित साजन मिश्र, दोनों भाई, एक साथ में ही कला का प्रदर्शन करते थे। दोनों भाइयों ने पूरे विश्व में खूब प्रसिद्धि हासिल की। उन्होंने 1978 में श्रीलंका में अपना पहला संगीत कार्यक्रम देने के बाद उन्होंने जर्मनी, फ्रांस, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रिया, अमेरिका, ब्रिटेन, नीदरलैंड, रूस, सिंगापुर, कतर, बंगलादेश सहित विश्व के अनेक देशों में अपनी गायकी की प्रतिभा का लोहा मनवाया। 

कोई टिप्पणी नहीं: