लंदन, 29 अप्रैल, राष्ट्रीय राजधानी नयी दिल्ली समेत भारतीय शहरों में वायु प्रदूषकों का स्तर अधिक है। उपग्रहों पर लगे उपकरणों से मिले आंकड़ों के अध्ययन में वायु गुणवत्ता पर नजर रखने की जरूरत और स्वच्छ पर्यावरण के लिए उठाए जा रहे कदमों पर जोर दिया गया है। बर्मिंघम विश्वविद्यालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, शोधकर्ताओं ने 2005 से 2018 तक वायु प्रदूषकों की प्रवृत्ति का अध्ययन करने के लिए अंतरिक्ष आधारित उपकरणों से लिए आंकड़ों का इस्तेमाल किया। इस अध्ययन में बेल्जियम, भारत, जमैका और ब्रिटेन के अंतरराष्ट्रीय दल भी शामिल रहे। पत्रिका ‘एटमॉस्फेरिक केमिस्ट्री एंड फिजिक्स’ में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सूक्ष्म कण (पीएम 2.5) और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड दोनों ही कानपुर और दिल्ली में बढ़ रहे हैं। दिल्ली तेजी से उभरता महानगर है जबकि कानपुर को डब्ल्यूएचओ ने 2018 में दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बताया था। शोधकर्ताओं ने बताया कि भारत में पीएम2.5 और नाइट्रोजन ऑक्साइड का बढ़ना वाहनों की तादाद, औद्योगिकीकरण बढ़ने तथा वायु प्रदूषण नीतियों के सीमित प्रभाव को दिखाता है। अध्ययन में दिल्ली, कानपुर और लंदन में वायु प्रदूषण फॉर्मल्डीहाइड में वृद्धि भी देखी गई।
शुक्रवार, 30 अप्रैल 2021
भारतीय शहरों में बढ़ रहा है वायु प्रदूषकों का स्तर
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