विशेष : रमजान क्या है और क्यों मनाया जाता है ? - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 20 अप्रैल 2021

विशेष : रमजान क्या है और क्यों मनाया जाता है ?

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त्योहार भारत का अटूट हिस्सा है। अलग अलग समुदाय के त्योहारों ने हमारे देश को विशेष रंग रूप में डाला है। वैसे तो हमारे देश में भिन्न भिन्न प्रकार के त्योहार है परंतु उनमें से कुछ मुख्य  एवं विशेष है।  मुस्लिम समुदाय द्वारा बनाए जाने वाला रमजान भी एक ऐसा ही त्योहार है। रमजान का महीना मुसलमानों के लिए बहुत पवित्र और विशेष होता है। उनके धर्म में और इतिहास में इस महीने की विशेष भूमिका है। रमजान अर्थात इबादत का महीने मे मुस्लिम अल्लाह के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते है। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार रमजान नौवे महीने मे होता है। जिसकी शुरुआत रमजान का चांद देखकर की जाती है। मुस्लिम समुदाय इस महीने में अल्लाह की इबादत करता है और रोजे रखता है।  रोजे में मुसलमान सूरज उगने से लेकर सूरज डूबने तक बिना अन्न और जल के रहते हैं और इसका वास्तविक अर्थ यह है कि आप सच्चे दिल से ईश्वर के प्रति जागरूक रहें एवं समर्पित रहे। सूर्योदय से पहले खाने वाले भोजन को सेहरी या सुहूर  कहते हैं और वह भोजन जिसे खाकर मुस्लिम अपना रोजा तोड़ते हैं उसे इफ्तार कहते हैं। इस महीने में खजूर का भी बहुत प्रचलन है। सेहरी और इफ्तार  दोनों में ही खजूर प्रचलित है।कुछ लोग जैसे की गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग एवं जो लोग बीमार हैं उन पर रोजे अनिवार्य नहीं होते।


रमजान का इतिहास

रमजान का इतिहास बहुत पुराना और इस्लामिक पैगंबर मोहम्मद साहब से जुड़ा हुआ है। 610 ईसवी  में जब पवित्र कुरान अवतरित की गई तो वह इसी पावन महीने में की गई। रमजान ही वह महीना है जब मोहम्मद साहब को अल्लाह ने अपने दूत के रूप में चुना अतः इस महीने का मुस्लिम समुदाय में बहुत ही अधिक महत्व है एवं सारे मुसलमानों पर रोजा रखना अनिवार्य माना गया है। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार या महीना स्वयं पर नियंत्रण का पानी में एवं गरीबों के दुख दर्द को महसूस करने में भी मदद करता है  माना जाता है कि यह महीना मन को पवित्र करने में और विचारों को नियंत्रित करने में बहुत ही मददगार है इसके साथ ही या आत्म संयम रखना सिखाता है एवं बुरी चीजों से दूरी बनाना भी सिखाता है।


रमजान का पावन उतसव

रमजान का महीना मुस्लिमों के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है इस महीने का अंत मुसलमानों के सबसे बड़े पर्व ईद उल फितर के साथ होता है। मुसलमान इस महीने में पूरी दृढ़ता से अपने रब की इबादत करते हैं एवं किसी भी गलत काम से दूरी बनाकर रखते हैं। रमजान प्रेम सद्भावना एवं इबादत का महीना है और यह लोगों में मेल मिलाप बढ़ता है।





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-अलीशा खानम-

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